बीजिंग. चीन ने अपनी ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किए जा रहे निर्माण कार्यों का बचाव करते हुए कहा है कि भारत भी तो उसकी आपत्ति को दरकिनार करते हुए दक्षिणी चीन सागर में तेल खनन कर रहा है. इसके अलावा चीन ने एलएसी को लेकर पीएम मोदी द्वारा इस सीमा का निर्धारण करने की बात को भी नकार दिया है. चीन ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए एक समझौते की बात कही है.
क्या कहा चीन ने
एशियाई मामलों के प्रभारी उप निदेशक हुआंग जियान ने भारतीय मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान में चीन की ओर सिल्क रूट समेत जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, वो उस क्षेत्र के लोगों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हैं और भारत को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि हम भारत की आपत्तियों को समझते हैं. एक तरह से बदले की भावना जताते हुए हुआंग ने कहा कि जब भारत की तेल कंपनी ओएनजीसी वियतनाम से समझौता कर दक्षिणी चीन सागर में तेल खुदाई करती है तो इससे हमारे भी हित प्रभावित होते हैं.
मोदी की नाकाम कोशिश
पीएम मोदी हाल ही में चीन की यात्रा पर गए थे. मोदी ने अपनी उस यात्रा के दौरान चीनी नेताओं के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी चिंता जताई थी. मोदी ने चीनी नेताओं से कहा था कि एलएसी का निर्धारण होना चाहिए. हुआंग ने इस मुद्दे पर कहा, ‘बजाए एलएसी को स्पष्ट करने के, हम ये चाहते हैं कि सीमा पर शांति कायम हो और अकसर बनने वाली टकराव की स्थिति खत्म हो. एलएसी को लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है अन्यथा टकराव बढ़ सकता है.’ हुआंग ने कहा कि एलएसी को स्पष्ट करने से ज्यादा जरूरी है कि हम सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ बनाएं और उस पर समझौता करें.
IANS से भी इनपुट
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