मेलबर्न. कमर्शियल विमानों को अब आसानी से ईंधन से मिलेगा. ये कोई मजाक या बस बोलने के लिए नहीं ये खास किस्म का ईंधन पेड़ों के इस्तेमाल से बनेगा और हवा में उड़ने वाले विमान के लिए ईंधन का उत्पादन भी हवा में पेड़ों की डालियों पर हो जाएगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के गोंद के पेड़ों का इस्तेमाल कम कार्बन उत्सर्जन वाले अक्षय ईंधन के उत्पादन के लिए किया जा सकता है.
इस स्पेशल टाइप के ईंधन से विश्व विमानन उद्योग के पांच फीसदी जेट विमानों के लिए ईंधन की व्यवस्था हो सकती है. द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) के प्रमुख रिसर्चर कार्स्टन कुलहेम ने कहा कि अगर हम लोग विश्व भर में दो करोड़ हेक्टेयर में युक्लिप्टस लगाएं तो विमानन उद्योग के पांच फीसदी के लिए पर्याप्त जेट ईंधन का उत्पादन हो सकेगा.
बता दें कि युक्लिप्टस के पेड़ पल्प और कागज के लिए लगाए जाते हैं. इस रिसर्च का प्रकाशन ‘ट्रेंड्स इन बायोटेक्नोलॉजी’ में किया गया है.