नई दिल्ली. शादियां तय भले ही स्वर्ग में होती हैं लेकिन शादियां ऐसा संबंध है जिसे हर समाज और हर देश में स्वीकार किया गया है. यह रिश्ते जोड़ने का एक बहुत अच्छा तरीका भी है और परिवार को बढ़ाने का जरिया भी.
आपने शादी में हमेशा मेहंदी, हल्दी की रस्म के विषय में तो जरूर सुना होगा. सुना क्या देखा भी होगा और खुद ही इस रस्म का हिस्सा बने होंगे लेकिन आपने ये रिवाज सुना है विवाह से पूर्व, होने वाली दुल्हन के मुंह पर कालिख पोतना.
इस रस्म के पीछे का कारण होने वाले दुल्हा-दुल्हन की सुंदरता को बढ़ाना तो है ही साथ ही कुंवारेपन को भी अलविदा कहना है. लेकिन कालिख पोतने की परंपरा उतनी ही जरूरी है जितनी हल्दी और मेहंदी की परंपरा. अगर इसे न किया जाए तो बहुत बड़ा अपशकुन माना जाता है.
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