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ऐसा गांव जहां पुरुषों की नो एंट्री

1990 में इस गांव को 15 ऐसी महिलाओं के रहने के लिए चुना गया, जिनके साथ ब्रिटिश जवानों ने रेप किया था. इसके बाद ये गांव पुरुषों की हिंसा का शिकार हुई महिलाओं का ठिकाना बन गया. बाद में इस गांव में रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और खतना जैसी तमाम हिंसा झेलनी वाली महिलाओं ने अपना बसेरा बना लिया.

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  • September 5, 2016 4:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नैरोबी. गांव का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में तरह-तरह की कल्पना सामने आनी लगती हैं लेकिन क्या कभी आपने ऐसा गांव के बारे में सोचा जहां पुरुष नहीं सिर्फ महिलाएं ही रहती है. इस गांव की अपनी एक अलग कहानी है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. 26 सालों से इस गांव में सिर्फ महिलाएं ही रहती हैं.

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कांटों की फेंसिंग से घिरा केन्या के समबुरू का उमोजा गांव दुनिया का सबसे अनोखा गांव है क्योंकि यहां मर्दों की एंट्री बैन है. पिछले 26 साल से यहां सिर्फ महिलाएं रहती आ रही हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 1990 में इस गांव को 15 ऐसी महिलाओं के रहने के लिए चुना गया, जिनके साथ ब्रिटिश जवानों ने रेप किया था.

इसके बाद ये गांव पुरुषों की हिंसा का शिकार हुई महिलाओं का ठिकाना बन गया. बाद में इस गांव में रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और खतना जैसी तमाम हिंसा झेलनी वाली महिलाओं ने अपना बसेरा बना लिया.

इस गांव में इस वक्त करीब 250 महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं. गांव में महिलाएं प्राइमरी स्कूल, कल्चरल सेंटर और सामबुरू नेशनल पार्क देखने आने वाले टूरिस्ट्स के लिए कैंपेन साइट चला रही हैं. इस गांव की अपनी वेबसाइट भी है.

यहां रहने वाली महिलाएं गांव के फायदे के लिए पारंपरिक ज्वैलरी भी बनाकर बेचती हैं. साथ ही ये महिलाएं सफारी घूमने आने वाले टूरिस्ट्स को अपना गांव दिखाती हैं. इनसे एंट्रेंस गेट पर गांव की महिलाओं द्वारा तय एंट्री फीस ली जाती है जिससे इस गांव का खर्चा चलता है.

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