वॉशिंगटन. भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते पर चीन की कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद ओबामा प्रशासन ने साफ़ कर दिया है कि उसे इस समझौते से घबराने की ज़रुरत नहीं है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को कहा कि चीन को अमेरिका-भारत के इस रक्षा सौदे से डरने की ज़रुरत नहीं है. ये दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए है न कि किसी को डराने के लिए.
किर्बी ने कहा, भारत के साथ एक गहरे, मजबूत, ज्यादा सहयोगी द्विपक्षीय संबंध से किसी अन्य को डरने या इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. किर्बी दरअसल भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा समक्षौते पर चीन की प्रतिक्रिया से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे. यह समझौता इन दोनों देशों की सेनाओं को मरम्मत एवं आपूर्ति के लिए एक दूसरे की संपत्ति एवं अड्डे इस्तेमाल करने की इजाजत देता है.
किर्बी ने कहा, हम दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं. अमेरिका और भारत के बीच बेहतर संबंध होना न सिर्फ दोनों देशों के लिए, न सिर्फ क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए अच्छा है. अमेरिका और भारत के बीच पहले से ही कई क्षेत्रों में शानदार साझेदारी है.
किर्बी के मुताबिक इस मामले को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय और पेंटागन के बीच किसी प्रकार के मतभेद नहीं है. हम नियमित रूप से इस प्रकार के फैसले करते हैं और वे फैसले पाकिस्तानी नेताओं के साथ हमारी सक्रिय बातचीत के आधार पर होते हैं.