नई दिल्ली. ब्रिटेन के लोगों ने जनमत संग्रह में यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलने का फैसला सुनाया है जिसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. जनमत संग्रह में 52 परसेंट वोट ईयू से निकलने और 48 परसेंट वोट ईयू के साथ रहने के लिए पड़ा था.
ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के पक्षधर थे. इसलिए जनमत संग्रह के नतीजे आने के बाद उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है. अनुमान है कि वो अक्टूबर तक पद पर बने रहेंगे.
कैमरन ने पत्नी सामंता के साथ वोट डालने के बाद ब्रिमेन (ब्रिटेन का ईयू में बने रहना) के समर्थन में ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ईयू में बने रहने के पक्ष में मतदान करें.
लंदन के पूर्व मेयर बोरिस जॉनसन ने ट्वीट कर लोगों से Brexit (ब्रिटेन का ईयू से बाहर जाना) का समर्थन करने और देश की स्वतंत्रता का जश्न मनाने की अपील की थी. जॉनसन देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं.
लीव के सबसे ज्यादा वोट
ब्रिटेन के लोगों ने ‘लीव’ यानी ब्रिटेन के ईयू का हिस्सा नहीं रहने के पक्ष में सबसे ज्यादा वोट डाले हैं. गुरुवार को हुए मतदान में 52 फीसदी ने ‘लीव’ के पक्ष में वोट डाला जबकि 48 फीसदी ने ‘रिमेन’ के पक्ष में वोट डाला.
लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक लीव के पक्ष में 17,410,742 वोट पड़े हैं जबकि ‘रिमेन’ यानी यूनियन में बने रहने के पक्ष में 16,141,241 वोटों पड़े हैं.
नतीजों से लड़खड़ाया पाउंड
शुरुआती नतीजों के बीच पाउंड ने गोता लगाया है. नतीजे आने से पहले पाउंड 1.50 डॉलर पर चल रहा था लेकिन नतीजों का रुझान यूरोपीय यूनियन से अलग होने के पक्ष में दिखने लगा तो पाउंड 1.41 डॉलर पर आ गया.
इसके बाद पाउंड के गोता लगाने का जो दौर शुरू हुआ तो पाउंड 31 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया. डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को पाउंड 1.3466 पर रहा.
जनमत संग्रह के फैसला का असर भारतीय बाजार पर दिखने लगा है. सेंसेक्स में 940 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है और शेयर बाजार 26 हजार के नीचे आ गया है. निफ्टी में भी 300 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है.