नई दिल्ली. पर्यावरण को बचाने के लिए इतालवी पियानो वादक और संगीतकार लुडोविको इनोविदो ने आर्कटिक महासागर को बचाने के लिए एक खास कंसर्ट किया. पियानो वादक ने कंसर्ट के जरिए आर्कटिक महासागर में लगातार बढ़ रहे तापमान को दूनिया को आगह किया. पियानो वादक ने ये कंसर्ट आर्कटिक महासागर पर नार्वे स्थित व्हेलन्बर्गब्रिन ग्लेशियर के सामने किया.
आर्कटिक का शोकगीत
लुडोविको ने खास तैयार किया गाना ‘एलिगी फॉर द आर्कटिक’ (आर्कटिक का शोकगीत) परफार्म किया. ग्रीनपीस के अनुसार आर्कटिक दुनिया के सबसे कम संरक्षित समुद्रों में से है. दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे तापमान से यहां बर्फ पिघल रही है, जिससे यहां के यूनिक वाइल्ड लाइफ को भी खतरा है. ऐसे में इस कंसर्ट के जरिए दुनियाभर में आर्कटिक के लिए जागरुकता लाई जा रही है जिससे कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.
बता दें कि पर्यावरण दिवस पर जाने माने वैज्ञानिक ने दावा किया था कि इस साल या फिर अगले साल आर्कटिक महासागर की बर्फ खत्म हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो एक लाख साल में पहली बार होगा. इस साल 1 जून तक आर्कटिक समुद्र के केवल 11.1 मिलियन स्क्वेयर किलोमीटर इलाके में ही बर्फ बची है. पिछले 30 साल का औसत 12.7 मिलियन स्क्वेयर किलोमीटर था. यह अंतर पूरे यूनाइटेड किंगडम को 6 बार जोड़ने के बराबर है.
कहां तक फैला है आर्कटिक क्षेत्र
बता दें कि आर्कटिक क्षेत्र में आर्कटिक महासागर, कनाडा का कुछ हिस्सा, ग्रीनलैंड (डेनमार्क का एक क्षेत्र), रूस का कुछ हिस्सा, संयुक्त राज्य अमेरिका (अलास्का), आइसलैंड नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैण्ड शामिल हैं.