इस्लामाबाद. पाकिस्तान के शीर्ष विदेश सलाहकार ने कहा है कि 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के भारत के प्रयास को रोकने के लिए पाकिस्तान प्रभावशाली ढंग से लगातार प्रयास कर रहा है. प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पाकिस्तान की सीनेट में कहा, “गैर भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण के लिए पाकिस्तान का प्रयास फलीभूत होगा.” अजीज का यह बयान भारत के एनएसजी में शामिल होने के प्रयास और इस दिशा में देश को अमेरिका और स्विट्जरलैंड के मिले समर्थन के बाद आया है.
अजीज पाकिस्तानी सीनेटरों की ‘भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती मिलीभगत’ को लेकर चिंता और उनकी इस आशंका का जवाब दे रहे थे कि एनएसजी सदस्य देश भारत के इसमें शामिल होने के आग्रह का सकारात्मक जवाब देंगे. भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किया है, जिससे दोनों देशों को परमाणु व्यापार में शामिल होने की अनुमति मिलेगी. सीनेट की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू के सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा कि एनएसजी सदस्य समूह में शामिल होने के भारत के आग्रह पर विचार कर रहे होंगे.
सैयद ने यह आरोप लगाया कि पाकिस्तान की कूटनीति ‘असफल’ हो गई है. उन्होंने कहा कि अगर भारत एनएसजी का सदस्य बन जाएगा तो वह पाकिस्तान को समूह में शामिल होने से रोकने में सफल हो जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने ईरान और अफगानिस्तान को अलग-थलग कर दिया है और दोनों देश अब भारत के साथ अपने आर्थिक संबंध बेहतर कर रहे हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अफगानिस्तान और ईरान की यात्रा की थी, जो पाकिस्तान के नजदीकी पड़ोसी हैं. सैयद ने कहा, “यह हमारी कूटनीतिक असफलता है. भारतीय हमें हर ओर से घेर रहे हैं. यहां तक कि ईरान और अफगानिस्तान जैसे हमारे नजदीकी पड़ोसियों ने भी भारत की यात्रा की है. उन्होंने सैन्य उपायों से भारत का मुकाबला करने के प्रयासों के अलावा देश की आंतरिक ‘एकजुटता’ पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति का लाभ नहीं उठाने दिया जाना चाहिए.
अजीज ने जोर देकर कहा कि देश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भारतीय परमाणु सिद्धांत से देश की सुरक्षा को उत्पन्न रणनीतिक खतरे का आकलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीमित स्रोतों के बावजूद पाकिस्तान ने एक मजबूत परमाणु प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली विकसित की है. अजीज ने कहा कि पाकिस्तान हिंद महासागर को परमाणुकृत करने की भारत की योजना के ‘खतरनाक निहितार्थ’ को भी उजागर करने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंद महासागर को परमाणु मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पेश करने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है.