वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनने की रेस में आगे चल रही पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन बराक ओबामा सरकार में विदेश मंत्री रहते हुए प्राइवेट ई-मेल सर्वर पर सीक्रेट और टॉप सीक्रेट बातें करने की वजह से गहरे संकट में फंसती दिख रही हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लिंटन के द्वारा विदेश मंत्री रहते हुए सरकारी काम के लिए प्राइवेट ई-मेल का इस्तेमाल करना दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिहाज से सही तरीका नहीं था. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लिंटन का यह तौर-तरीका देश के दस्तावेज कानून के हिसाब से बनाई गई विदेश विभाग की नीतियों से अलग था.
हिलेरी के खिलाफ विदेश विभाग की रिपोर्ट एक झटका है क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप लगातार हिलेरी पर काम के प्रति ईमानदार नहीं होने का आरोप लगाते रहे हैं.
हिलेरी अपने प्रचार के दौरान यही कह रही हैं कि इस बार रेस में वो अकेली ऐसी उम्मीदवार हैं जिसके पास अनुभव है और अमेरिका के लोगों को सांसद व विदेश मंत्री के तौर पर उनके काम को देखकर अपना मन बनाना चाहिए.
संकट यही है कि वो जिस विदेश मंत्री के कार्यकाल का हवाला देकर खुद को अनुभवी और दूसरों से बेहतर बताने की कोशिश कर रही है, उसी विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए उनके द्वारा सरकारी ई-मेल सिस्टम से बाहर एक पर्सनल ई-मेल सिस्टम के जरिए सीक्रेट और टॉप सीक्रेट बातें या दस्तावेज भेजने का आरोप रिपोर्ट में सही साबित होता दिख रहा है.
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लिंटन ने सरकारी ई-मेल सिस्टम पर ही सरकारी काम करने की सलाह को दरकिनार करके पर्सनल ई-मेल सिस्टम पर काम किया.
पर्सनल ई-मेल पर भेजे गए 2100 मेल को बाद में विदेश मंत्रालय ने गोपनीय बताया जिनमें 65 सीक्रेट और 22 टॉप सीक्रेट मेल थे. हिलेरी के पर्सनल ई-मेल सिस्टम को हैक करने की भी कई बार कोशिश की गईं लेकिन हिलेरी ने सरकार को इस बारे में नहीं बताया जो और भी गंभीर मसला है.
वैसे विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट का असर हिलेरी क्लिंटन की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार पर नहीं पड़ेगा और वो डेमोक्रेटिक पार्टी का टिकट मिलने पर ट्रंप के खिलाफ अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने का चुनाव लड़ेंगी.
लेकिन अगर एफबीआई अपनी जांच में उनको दोषी पाती है और उन पर मुकदमा चलाती है तो वो चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराई जा सकती हैं. ये खतरा है और हिलेरी को इस बात का अहसास है.
(अंशुल राणा आईआईएमसी से रेडियो और टीवी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा करने के बाद कई समाचार चैनलों और अंतराष्ट्रीय अखबारों में काम करने के बाद फिलहाल जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में विजिटिंग रिसर्च एसोसिएट और वर्ल्ड बैंक में सलाहकार हैं.)