वॉशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जापान पर परमाणु हमले के लिए माफी मांगने वाली बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. ओबामा ने कहा कि दुनिया में पहली बार परमाणु हमले का शिकार हिरोशिमा में उनके दौरे से दो पूर्व दुश्मनों के रिश्ते दोस्ती की तरफ बढ़ेंगे, लेकिन इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया कि हिरोशिमा पर किए गए परमाणु हमले के लिए अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान माफी नहीं मांगेंगे.
युद्ध में लिए फैसले पर माफी नहीं
एक इंटरव्यू के दौरान जब ओबामा ने पूछा गया कि दौरे पर उनकी स्पीच में क्या परमाणु हमले के लिए माफी मांगना भी शामिल होगा तो उन्होंने ने कहा कि ‘नहीं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह समझना जरूरी है कि युद्ध के बीच में, नेता हर तरह के फैसले लेते हैं. इसमें किसी तरह की माफी की जगह नहीं रहती है.’ उन्होंने आगे कहा कि यह इतिहासकारों का काम है कि वो सवाल करें और उनकी जांच करें. इसके अलावा मैं पिछले साढ़े सात साल से इस पद पर बैठे हुए व्यक्ति के रूप में यह जानता हूं कि हर नेता बहुत कठिन फैसले लेता है, विशेषकर युद्धकाल में.
6 अगस्त 1945 को गिराया गया था बम
6 अगस्त 1945 के दिन हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम के तुरंत बाद हजारों की मौत हुई थी जबकि साल खत्म होने तक 1,40,000 लोग मारे गए. नागासाकी पर 9 अगस्त को परमाणु बम गिराया गया था. जापान ने इसके 6 दिन बाद आत्मसमर्पण कर दिया था.
ऑपरेशन ‘लिटल ब्वॉय’
इस परमाणु हमले का कोड नेम लिटल ब्वॉय था, लेकिन यह लिटल ब्वॉय जापान और इंसानियत को बड़ी गहरी चोट दे गया. लिटल ब्वॉय को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका के मैनहट्टन प्रोजेक्ट के तहत लॉस अलामोस में तैयार किया गया था.
कितना पावरफुल था ‘लिटल ब्वॉय’?
तकरीबन 4000 किग्रा वजनी इस बम की लंबाई तीन मीटर और व्यास 71 सेंटीमीटर था. इस बम ने अपनी विस्फोटक क्षमता यूरेनियम -235 की न्यूक्लियर फिशन प्रोसेस (नाभिकीय विखंडन प्रक्रिया) से हासिल कर ली थी. इसकी विध्वंसक क्षमता 13-18 किलोटन टीएनटी (ट्राइनाइट्रोटालुइन) के बराबर थी.
वियतनाम दौरे पर ओबामा
अमेरिकी राष्ट्र पति ओबामा फिलहाल वियतनाम दौरे पर हैं और इसके बाद वो हिरोशिमा जाएंगे. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हिरोशिमा का दौरे करने वाले ओबापा पहले अमेरिकी राष्ट्र पति होंगे जो परमाणु हमले के पहले शिकार रहे हिरोशिमा में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ जाएंगे.