नई दिल्ली: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम हर देश में अलग-अलग होते हैं. हालांकि कई जगहों पर लोग जुगाड़ के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते हैं, लेकिन कुछ देश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का नियम इतना कठिन होता है कि सालों तक का इंतजार करना पड़ जाता है. एक ऐसे ही मामला सामने आया […]
नई दिल्ली: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियम हर देश में अलग-अलग होते हैं. हालांकि कई जगहों पर लोग जुगाड़ के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते हैं, लेकिन कुछ देश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का नियम इतना कठिन होता है कि सालों तक का इंतजार करना पड़ जाता है. एक ऐसे ही मामला सामने आया है जहां एक महिला को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 18 साल इंतजार करना पड़ गया।
दरअसल, दक्षिण कोरिया की रहने वाली इस महिला का नाम चासा सून है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चासा सून ने 2005 में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पहली बार टेस्ट दिया था, इसमें फेल होने के बाद बाद भी महिला ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने का सिलसिला जारी रखा. महिला ने हफ्ते में 2 दिन लिखित टेस्ट देना शुरू कर दिया और इसमें पास होने के बाद प्रैक्टिस टेस्ट की बारी आई।
इसके बाद चासा सून ने 10 बार के प्रयास के बाद ड्राइविंग टेस्ट पास किया. इस महिला को ड्राइविंग लाइसेंस पास करने के लिए कुल एग्जाम 960 बार देना पड़ा. 69 वर्षीय महिला को ड्राइवरी लाइसेंस मिलने के बाद अब गाड़ी चलाने की सरकारी परमिशन मिल गई है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि 18 साल की संघर्ष के दौरान महिला ने 11 लाख से भी अधिक खर्च कर दिए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 18 साल पहले सब्जी बेचने का बिजनेस करने के लिए महिला को गाड़ी चलानी थी. इसी वजह से महिला ने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. इस महिला की कहानी जब दुनियाभर में वायरल हुई तो कार बनाने वाली एक कंपनी ने उसकी सहायता के लिए एक गाड़ी गिफ्ट कर दी है. फिलहाल, ड्राइवरी लाइसेंस और गाड़ी मिलने के बाद महिला काफी खुश है।
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