‘भारत-पाक वार्ता बहाली के लिए कश्मीर मुद्दा नहीं बने पूर्व शर्त’

ब्रिटेन के विदेश मंत्री फिलिप हेमंड ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू करने के लिए कश्मीर मुद्दा पूर्व शर्त नहीं होनी चाहिए. समाचार पत्र 'डॉन' की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद के दो दिन के दौरे पर आए हेमंड ने मंगलवार को दोनों देशों से आग्रह किया कि वे 'नान स्टेट एक्टर्स', चरमपंथियों और आतंकवादियों को शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की इजाजत नहीं दें. हेमंड ने पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की. वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख राहील शरीफ से भी मिले.

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‘भारत-पाक वार्ता बहाली के लिए कश्मीर मुद्दा नहीं बने पूर्व शर्त’

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  • March 9, 2016 7:31 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
इस्लामाबाद. ब्रिटेन के विदेश मंत्री फिलिप हेमंड ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू करने के लिए कश्मीर मुद्दा पूर्व शर्त नहीं होनी चाहिए. समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद के दो दिन के दौरे पर आए हेमंड ने मंगलवार को दोनों देशों से आग्रह किया कि वे ‘नान स्टेट एक्टर्स’, चरमपंथियों और आतंकवादियों को शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने की इजाजत नहीं दें. हेमंड ने पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की. वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख राहील शरीफ से भी मिले. 
 
अजीज के साथ हेमंड ने कहा कि क्षेत्र में दीर्घकालिक आर्थिक विकास, शांति और सुरक्षा के लिए भारत-पाकिस्तान वार्ता आवश्यक है. हेमंड ने कहा, “मैं भारत में पठानकोट स्थित वायु सेना के अड्डे पर हुए हमले की पाकिस्तानी जांच की सराहना करता हूं.” 
 
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने अतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को भी सराहा और कहा कि आने वाले दिनों में यह देश सुरक्षित व स्थिर होगा. इस वार्ता के दौरान ब्रिटेन और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में सुलह प्रक्रिया सहित सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा की. हेमंड ने कहा, “पाकिस्तान और अफगानिस्तान की समस्या समान है, जिसका संयुक्त रूप से समाधान तलाशने की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच विश्वास की कमी है और यह कमी तब पूरी हो जाएगी, जब दोनों देश आतंकवादियों के खिलाफ मजबूत कदम उठाएंगे. 
 
अजीज ने कहा, “सामरिक वार्ता के तहत हमने मुख्यत: पांच चीजों- व्यापार एवं व्यापार संबंध, वित्तीय एवं विकास सहयोग, शिक्षा एवं स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा पर विचार-विमर्श तथा सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा की.”

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