बीजिंग. चीन ने शनिवार को रक्षा बजट में 7.6 प्रतिशत बढ़ाकर 146 अरब डॉलर कर दिया. यह पिछले छह साल में रक्षा बजट में सबसे कम वृद्धि है. 2015 में रक्षा बजट में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो अमेरिकी सैन्य खर्च से काफी कम है. चीन इस बढ़ोतरी के बाद रक्षा पर सर्वाधिक खर्च करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. एशिया प्रशांत क्षेत्र के सैन्यीकरण विशेषकर दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुये चीन ने यह कदम उठाया है.
नेशनल पीपुल कांग्रेस (एनपीसी) के वार्षिक सत्र में बजट पेश किया गया. इस सत्र में देश की पंचवर्षीय योजना पर चर्चा की जाएगी. सत्र का समापन 16 मार्च को किया जाएगा. चीन के सैन्य खर्च में 2011 से 2015 के दौरान दोहरे अंकों में बढ़ोतरी की गई है. देश में 2010 में रक्षा बजट 7.5 प्रतिशत बढ़ा था.
चीन में 6.9 प्रतिशत की गिरावट
चीन की अर्थव्यवस्था में 6.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है जो 25 वर्षो में सबसे धीमी है. चीनी शेयर बाजार में गिरावट और युआन के अवमूल्यन की वजह से भी देश की समस्याएं बढ़ी हैं. कुछ विशेषज्ञों ने सैन्य बजट में कटौती का कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट को बताया है.
‘देश बुरे दौर से गुजर रहा है’
चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने बीजिंग में ग्रेट हॉल में एनपीसी के लगभग 3,000 सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि देश बुरे दौर से गुजर रहा है. उन्होंने हालांकि इस साल की आर्थिक विकास दर 6.5 प्रतिशत से सात प्रतिशत का अनुमान जताया. ली ने कहा, “इस साल चीन के समक्ष अधिक समस्याएं और चुनौतियां होंगी. इसके लिए देश को तैयार रहना चाहिए.”
अमेरिका का रक्षा बजट
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2016 के लिये अमेरिका का रक्षा बजट 534 अरब डॉलर रहने का प्रस्ताव किया है. यह चीन के इस साल के रक्षा बजट से 3.6 गुना अधिक होगा. अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र के खर्च के लिए 2016 में 573 अरब डॉलर (38,38,466 करोड़ रुपए से ज्यादा) का बजट रखा है.