इस्लामाबाद. 20 जनवरी को हुए आतंकवादी हमले के 25 दिनों बाद पाकिस्तान के खबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित बाचा खान यूनिवर्सिटी आज सोमवार से दोबारा खुल गई है. वहीं यूनिवर्सिटी के कुलपति फजल रहीम मरवात भी कड़ी सुरक्षा के बीच कैम्पस में एंट्री करते स्टूडेंट्स की अगुवाई करते नजर आए. बता दें कि इस आतंकवादी हमले में करीब 70 लोग मारे गए थे.
मरवात ने कहा, “हम परिसर में सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट हैं.” यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता सईद खान ने कहा कि पढ़ाई शुरू करने के लिए सुरक्षा इंतजाम पूरे किए जा चुके हैं. हालांकि अभी निगरानी के लिए वॉचटॉवर नहीं बनाए गए हैं. एमएससी के एक छात्र ने कहा, “हम आतंकवादी धमकियों से नहीं डरेंगे और पढ़ाई जारी रखेंगे.”
जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमले के एक सप्ताह बाद फैसला किया था कि जब तक सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से ठीक नहीं हो जाएगी , कैम्पस में पढ़ाई-लिखाई नहीं शुरू नहीं की जाएगी. वहीं प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा था कि यूनिवर्सिटी की सुरक्षा समिति ने बातचीत के बाद कैम्पस को रीओपेन करने का आदेश दे दिया.
यूनिवर्सिटी के प्रशासन निदेशक शकील ने कहा कि प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर लिए हैं. इसके तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, परिसर की बाहरी दीवार ऊंची कर दी गई है और सुरक्षा गार्ड्स की संख्या 54 से बढ़ाकर 84 कर दी गई है. इसके अलावा 30 और गार्ड्स तैनात किए जाएंगे.
प्रवक्ता सईद खान ने इसके पहले एक फरवरी को कहा था कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने हमले की सरकारी जांच रिपोर्ट नामंजूर कर दिया है, जिसमें कुलपति और सुरक्षा प्रमुख को पद से हटाने की मांग की गई थी.
बाचा खान की मनाई जा रही थी पुण्यतिथि
बता दें कि हमले के दिन यूनिवर्सिटी में बुधवार को बाचा खान की पुण्यतिथि मनाई जा रही थी. 1988 में उनका निधन हो गया था और वह ताउम्र उदार-गांधीवादी रहे. यूनिवर्सिटी पर हमले की पहले से ही आशंका थी इसलिए पिछली रात से ही वहां हाई अलर्ट था.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली थी जिम्मेदारी
बाचा खान यूनिवर्सिटी पर हुए हमले कि जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली थी. इससे पहले भी पाकिस्तान में हुए कई आतंकी हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का नाम सामने आया था.