UN की अपील, नेपाल को 41.5 करोड़ डॉलर की मदद मिले

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदारों ने बुधवार को नेपाल में भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए 41.5 करोड़ डॉलर की अविलंब सहायता किए जाने की अपील की. संयुक्त राष्ट्र ने यहां बुधवार को कहा कि इस संयुक्त कार्य योजना का मकसद अगले तीन महीने तक आश्रय, पेय जल, शौचलाय व्यवस्था, आपात स्वास्थ्य सेवा, भोजन और सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों की पूर्ति करने में नेपाल सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों में मदद करना है. 

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UN की अपील, नेपाल को 41.5 करोड़ डॉलर की मदद मिले

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  • April 30, 2015 5:30 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

काठमांडू. संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदारों ने बुधवार को नेपाल में भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए 41.5 करोड़ डॉलर की अविलंब सहायता किए जाने की अपील की. संयुक्त राष्ट्र ने यहां बुधवार को कहा कि इस संयुक्त कार्य योजना का मकसद अगले तीन महीने तक आश्रय, पेय जल, शौचलाय व्यवस्था, आपात स्वास्थ्य सेवा, भोजन और सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों की पूर्ति करने में नेपाल सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों में मदद करना है. 

नेपाल में 25 अप्रैल को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप से पूरे देश में भारी तबाही हुई है. अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि इस त्रासदी में 5,006 लोगों की मौत हो चुकी है और 10,194 लोग घायल हुए हैं. नेपाल के 75 जिलों में से 39 जिलों में कोई 70,000 मकान नष्ट हो गए हैं और 530,000 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.  संयुक्त राष्ट्र ने कहा है, “लाखों लोग को खाद्य सहायता की जरूरत है. आपदा के तत्काल बाद सरकार, मानवीय और अंतर्राष्ट्रीय समितियों ने एक विशाल राहत अभियान शुरू किया है.”

नेपाल में संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय एवं मानवीय समन्वयक जेमी मैक्गोल्ड्रिक ने कहा, “मदद करने का समय अपने आप में महत्व रखता है.” उन्होंने कहा, “यद्यपि अब तक की प्रतिक्रिया की स्थिति से मैं अभिभूत और उत्साहित हूं, फिर भी सभी प्रभावितों, खासतौर से दूरदराज के इलाकों में संकट से घिरे लोगों तक सहायता पहुंचाने का प्रयास करना और प्रयास को बनाए रखना आवश्यक है.” संयुक्त राष्ट्र की इस अपील से दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक एक प्रभावी व्यापक मानवीय सहायता पहुंचने की जरूरत से जुड़ी चुनौतियां और जरूरत का स्तर, दोनों स्पष्ट होते हैं. 

साझेदार खुले आसमान के नीचे दिन-रात बिता रहे 500,000 लोगों के लिए आपात आश्रय मुहैया कराएंगे. 42 लाख लोगों के लिए आपात स्वास्थ्य सेवाओं, चिकित्सा आपूर्ति और सुविधाओं की भी जरूरत है, साथ ही पेयजल और साफ-सफाई की सुविधाओं की भी जरूरत है.  खाद्य सहायता से 14 लाख लोगों को लाभ होगा, जिसमें दुर्गम इलाकों में प्रभावित हुए 750,000 लोग भी शामिल हैं. करीब 21 लाख बच्चे और 525,000 महिलाओं को संरक्षण का भी लाभ होगा. 

मैक्गोल्ड्रिक ने कहा, “चूंकि मानसूसन करीब है, लिहाता मानवीय सहायता उपलब्ध कराने में यह एक अतिरिक्त चुनौती है. राहत अभियान के लिए तत्काल धन की आवश्यकता है.” संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपात प्रतिक्रिया कोष से 1.50 करोड़ डॉलर जमीनी स्तर पर मानवीय गतिविधियां शुरू करने के लिए उपलब्ध कराया गया है.

IANS

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