जेद्दा. सऊदी अरब के बाद अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में सऊदी समर्थक बहरीन और सूडान ने भी ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ते हुए ईरानी दूतावास के अधिकारियों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने कह दिया है. संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने भी अपने दूत को वापस बुला लिया है लेकिन व्यापारिक संबंध जारी रखने की बात की है.
सऊदी अरब में एक शिया धर्मगुरू अल निम्र को फांसी के बाद प्रदर्शनकारियों ने तेहरान में सऊदी अरब के दूतावास पर हमला कर दिया था. सऊदी अरब ने इसके बाद ईरान से राजनयिक संबंध खत्म कर दिए. सऊदी के बाद बहरीन और सूडान ने भी ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ते हुए ईरानी अधिकारियों को अपने देश से चले जाने को कहा है.
सऊदी अरब जहां सुन्नी बहुल देश है वहीं ईरान शिया बहुल और दोनों देश यमन और सीरिया में परस्पर विरोधी गुटों को समर्थन दे रहे हैं. बहरीन का शासक सुन्नी हैं लेकिन देश शिया बहुल है लेकिन बहरीन ने भी ईरान से संबंध तोड़ लिए हैं.
56 वर्षीय अल निम्र वर्ष 2011 में सऊदी अरब में सरकार विरोधी आंदोलनों के प्रमुख नेता रहे. वह उन 47 लोगों में शामिल थे जिन्हें गत शनिवार को सउदी अरब में मृत्युदंड दिया गया. इनमें से कुछ के सिर कलम कर दिए गए और कुछ को गोली मारी गई.
उधर ईरान ने दूतावास पर हमले के मामले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया है. राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस हमले को ‘सरासर अनुचित’ बताया है लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी ने अल निम्र को मृत्युदंड की निंदा करते हुए कहा कि निम्र को मारने के लिए ‘अल्लाह सऊदी अरब को माफ नहीं करेगा.’