रियाद. एक शिया धर्मगुरू को सऊदी अरब में मृत्युदंड को लेकर तेहरान में उसके दूतावास पर हमले के बाद सऊदी अरब ने ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं. सउदी अरब के विदेश मंत्री अबेल अल जुबरी ने घोषणा की है कि सभी ईरानी दूत 48 घंटों के भीतर सऊदी अरब से चले जाएं.
जुबरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘सऊदी अरब ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ रहा है और ईरानी राजनयिक मिशन के सभी सदस्यों से 48 घंटों के भीतर चले जाने का अनुरोध करता है.’
उग्र लोगों की एक भीड़ ने सऊदी अरब में शेख निम्र अल निम्र को मृत्युदंड के विरोध में तेहरान स्थित सऊदी दूतावास और मशहाद में वाणिज्य दूतावास पर हमला किया.
56 वर्षीय अल निम्र वर्ष 2011 में सऊदी अरब में सरकार विरोधी आंदोलनों के प्रमुख नेता रहे. वह उन 47 लोगों में शामिल थे जिन्हें गत शनिवार को सउदी अरब में मृत्युदंड दिया गया.
जिन अन्य लोगों को फांसी दी गई वे शिया और सुन्नी कार्यकर्ता थे जिनके बारे में सऊदी सरकार का कहना है कि वे अल कायदा के हमलों में शामिल थे. इनमें से कुछ से सिर कलम कर दिए गए और कुछ को गोली मारी गई.
उधर ईरान ने दूतावास पर हमले के मामले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया है. हमले को राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ‘सरासर अनुचित’ बताया है लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी ने अल निम्र को मौत की सजा की निंदा करते हुए कहा कि निम्र को मौत की सजा देने के कारण ‘अल्लाह सऊदी अरब को माफ नहीं करेगा.’
जुबीन ने कहा था, ‘ईरान का इतिहास अरब मामलों में नकारात्मक हस्तक्षेपों और शत्रुता से भरा पड़ा है.’ दोनों देश कई मामलों पर टकराव की स्थिति में है. सीरिया और यमन युद्ध में सऊदी नीत गठबंधन ईरान समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहा है. ईरान संकटग्रस्त राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता के पक्ष में है.’