काठमांडू. नेपाल सरकार मधेशियों की कुछ मांगों को मानते हुए अपने नए सविधान में संशोधन करने को राजी हो गई है. जानकारी के अनुसार सरकार अपने संविधान में मधेशियों से जुड़े दो अहम मुद्दें, आनुपातिक प्रतिनिधित्व और निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन में संशोधन करेगी.
इस पर भारतीय विदेश सचिव विकास स्वरुप ने ट्वीट कर लिखा है कि भारत सरकार नेपाल के इस पहल का स्वागत करती है. साथ ही उम्मीद जताई है कि इससे वहां मौजूदा विवाद का हल निकलेगा.
मानी गई ये मांगें
नेपाल सरकार की रविवार को हुई आपात बैठक में राजनीतिक प्रणाली को लेकर सहमति बनी जो गठन के तीन महीने के अंदर प्रस्तावित प्रांतीय सीमाओं को लेकर विवाद के समाधान के लिए सुझाव देगा.
दूसरा एक विधेयक पर सहमति बनी है जिसमें विभिन्न सरकारी संगठनों में अनुपातिक समग्र प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ है, जिसकी आंदोलनकारी दलों ने मांग की थी. उसमें जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का प्रस्ताव भी रखा गया है.
अगस्त से किया जा रहा है विरोध
बता दें कि ये मधेशी अगस्त से आंदोलन कर रहे है जिसमें अब तक करीब 50 लोग अपनी जान गंवा चुके है.