काठमांडू. मधेशी समुदाय के बड़े नेता भारतीय नेताओं से मुलाकात करने के लिए रविवार को नई दिल्ली पहुंच गए हैं. मधेशी समुदाय द्वारा नेपाल के नए संविधान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किए जाने की वजह से भारत-नेपाल सीमा लगभग सील हो गई है. मधेशी समुदाय के नेता उस वक्त दिल्ली की यात्रा पर गए हैं, जब नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलों के मंत्री कमल थापा दिल्ली जाने वाले हैं.
मधेशी मोर्चा के कार्यकर्ता करीब चार महीने से देश के नए संविधान के खिलाफ नेपाल के दक्षिणी मैदानी तराई में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, जिस वजह से नेपाल में बड़े स्तर पर जरूरी चीजों के लाले पड़ गए हैं.
भारतीय नेताओं से मुलाकात करने वाले मधेशी नेताओं में तराई मधेश लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष महंत ठाकुर, संघीय समाजवादी फोरम के अध्यक्ष उपेंद्र यादव, सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र महतो और तराई मधेश सद्भावना पार्टी के अध्यक्ष महेंद्र यादव शामिल हैं.
मधेशी मोर्चा के अन्य नेता पहले ही नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. वे रविवार को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं. मधेशी नेता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जेडीयू के नेता शरद यादव और नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी के डी.पी. त्रिपाठी से भी मिलेंगे. मधेशी समुदाय के नेता राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सरकार में भागीदारी बढ़ाने, नागरिकता प्रावधानों में सुधार एवं संघीय सीमाओं में संशोधन की मांग कर रहे हैं.
नए संविधान के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.