नई दिल्ली: सीबीआई को अक्सर क्राइम की जांच के लिए जाना जाता है, ऐसे ही एक सिक्के को तलाशने का जिम्मा सीबीआई के कंधों पर है. बता दें कि ये कोई साधारण सिक्का नहीं है. 1987 में इस सोने के सिक्के को आखिरी बार हैदराबाद में देखा गया था. इसके बाद इस सिक्के की नीलामी की खबर स्विट्जरलैंड से आई. जानकर बेहद हैरानी होगी कि इस सिक्के की कीमत 126 करोड़ रुपये बताई जा रही है. चलिए जानते है अनमोल सिक्के के इतिहास के बारे में
जहांगीर ने तुजुक-ए-जहांगीरी में करीब 12 किलो के इस सोने के सिक्के का जिक्र किया और उसके बाद जहांगीर ने 12 किलो के सोने का सिक्का ईरानी राजदूत यादगार अली को तोहफे में दिया था. दरअसल, ये घटना 410 साल पुरानी है. यादगार अली ने कहा था कि इस सिक्के को आगरा में ढाला गया था, कारीगरों ने सिक्के पर फारसी में कहावतें उकेरी थीं.
इतिहास कार के अनुसार जहांगीर ने 12 किलो के दो सोने के सिक्के बनवाए थे जिसमें से एक यादगार अली को दिया गया और दूसरा हैदराबाद के निजाम को तोहफे में दिया। 1987 में सिक्के को पहली बार खोजने की कोशिश की गई. भारत सरकार को इस सोने के सिक्के की नीलामी की खबर मिली तो सरकार ने सीबीआई को इसकी खोज-बीन के लिए स्विट्जरलैंड तक भेजा।
1987 में खोज-बीन करने पर सीबीआई के हाथ नहीं लगा और स्विट्जरलैंड में उन्हें कुछ नहीं मिल पाया। बता दें कि इस सोने के सिक्के की कीमत आज करीब 126 करोड़ रुपए है. सरकार एक बार फिर से इस सिक्के को तलाश कर रही है. जून 2022 में सरकार ने इस अनोखे सोने के सिक्के की खोज के लिए CBI को फिर से जांच शुरू करने के लिए कहा है.
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