नई दिल्ली: फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास के इजराइल पर किए गए हमले के बाद इजराइल की जवाबी कार्रवाई का असर मध्य पूर्व की राजनीति पर पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद सऊदी अरब और इजराइल के बीच होने वाली ऐतिहासिक बातचीत फिलहाल बंद हो गई है. ऐसा […]
नई दिल्ली: फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास के इजराइल पर किए गए हमले के बाद इजराइल की जवाबी कार्रवाई का असर मध्य पूर्व की राजनीति पर पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की जवाबी कार्रवाई के बाद सऊदी अरब और इजराइल के बीच होने वाली ऐतिहासिक बातचीत फिलहाल बंद हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि सऊदी अरब अपनी विदेश नीति को लेकर फिर से विचार कर रहा है. इजराइल का हमास पर हमले का ही असर है कि ईरान और सऊदी अरब के बीच शीर्ष स्तर पर बातचीत हो रही है. सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से फिलीस्तीन के हालात पर चर्चा की है.
इजराइल और सऊदी अरब के बीच बातचीत की मध्यस्थता अमेरिका द्वारा की जा रही है. लेकिन हमास-इजराइल युद्ध के बाद मध्य पूर्व की राजनीति में बड़े बदलाव हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब पूरा अरब देश गाजा पट्टी पर इजराइल के हमले से नाराज है, तो ऐसे समय में इजराइल से बातचीत कर सऊदी अरब मध्य पूर्व के देशों को नाराज करने का खतरा मोल नहीं लेना चाहता. इस लिए सऊदी अरब की नजदीकियां ईरान से बढ़ गई हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका की सत्ताधारी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने बीते शनिवार को कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की. इस दौरान देश के राष्ट्रपति और पार्टी अध्यक्ष सिरिल रामफोसा समेत पार्टी के अन्य सदस्य भी मौजूद थे. रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इजराइल के उस फरमान की निंदा की जिसमें इजराइल गाजा के सभी नागरिक शहर खाली करने को कहा था. साथ ही नेताओं ने शांति वार्ता तुरंत शुरू करने की पेशकश की. बता दें हमास हमले के बाद इजराइल ने गाजा को नष्ट करने की कसम खाई है.
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