नई दिल्ली। 24 फरवरी 2022 को रूस ने मिलिट्री ऑपरेशन का हवाला देते हुए यूक्रेन पर हमला किया था। तब से लेकर आज तक युद्ध ने थमने का नाम नहीं लिया। अगर यूक्रेन की बात करें तो ‘गेहूं का कटोरा’ कहे जाने वाले यह खूबसूरत देश अब खंडहर में तब्दील हो गया हैं। अमेरिका सहित […]
नई दिल्ली। 24 फरवरी 2022 को रूस ने मिलिट्री ऑपरेशन का हवाला देते हुए यूक्रेन पर हमला किया था। तब से लेकर आज तक युद्ध ने थमने का नाम नहीं लिया। अगर यूक्रेन की बात करें तो ‘गेहूं का कटोरा’ कहे जाने वाले यह खूबसूरत देश अब खंडहर में तब्दील हो गया हैं। अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश रूस को इस युद्ध का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बता दें कि, दोनों देशो के बीच युद्ध का सिलसिला अभी भी जारी हैं जिसमें लाखो की तादात में सैनिकों ने अपनी जान गंवाई हैं। आज रूस और यूक्रेन युद्ध को एक साल हो गया हैं लेकिन परेशानी का हल आज भी नहीं निकला हैं। रूस और यूक्रेन के बीच इस लम्बे युद्ध का क्या हैं कारण आइये जानते हैं।
रूस और यूक्रेन का ये युद्ध असल में रूस और यूक्रेन का युद्ध न होकर अमेरिका और रूस के बीच में हैं। दरअसल दुनिया में केवल दो ही महाशक्तिया हुआ करते थे, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूएसएसआर 15 देशों में टूट गया था। जिसमे से एक देश यूक्रेन था तब केवल एक ही देश बचा जो दुनिया का सर्व शक्तिमान देश बना। विभाजन के बाद रूस ने यूएसएसआर को वापस गठित करने का फैसला किया। तब से लेकर अब तक रूस इस मकसद को पाने की ख्वाइश में लगा हैं।
वहीं अमेरिका की बात करे तो अमेरिका दुनिया में आज भी सर्व शक्तिमान का तमगा अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता लेकिन अगर यूक्रेन रूस में शामिल हो जायेगा तो उसकी सर्व शक्तिमान बने रहने की ख्वाइश धरी रह जायेगी। इसलिए युद्ध के शुरुआती दौर से अमेरिका ने यूक्रेन का साथ दिया और आज भी दे रहा हैं।
गौरतलब है कि यूक्रेन के मसले में दोनों देशो द्वारा रुचि लेने का एक प्रमुख कारण टाइटेनियम हैं। टाइटेनियम एक ऐसा पदार्थ है, जिसका उपयोग विकसित मिलिट्री टेक्नोलॉजी जैसे , हेलीकॉप्टर्स, नेवी के जहाज, लड़ाकू विमान, टैंक, इंटरकॉन्टेनेंटिअल बलैस्टिक मिसाइलें और अन्य बड़े हथियारों को बनाने में प्रमुख रूप से होता हैं। टाइटेनियम मटेरियल एल्यूमीनियम, मोलिब्डेनम, मैंगनीज, लोहा और अन्य मटेरियल के साथ मिश्र धातु बनाने में उपयोग किया जाता है। अमेरिका और रूस इस टाइटेनियम गोल्ड के पीछे पड़े हैं। अमेरिका का मानना हैं की अगर वो इसे हासिल करता हैं, तो वह रूस और चीन को पछाड़कर आगे निकल जायेगा, यूक्रेन का इस युद्ध में मदद करने का ये एक अन्य बड़ा कारण हैं। वहीं रूस भी टाइटेनियम जैसे बड़े मटेरियल को किसी कीमत पर नहीं जाने देना चाहता। क्योंकि इसके मिलते ही रूस दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बन सकता है।
बता दें की चीन दुनिया में टाइटेनियम का सबसे अधिक मात्रा में उत्पादन करता हैं। वहीं रूस टाइटेनियम उत्पादन में दुनिया में तीसरे स्थान पर आता हैं। बात करे यूक्रेन की तो यूक्रेन टाइटेनियम उत्पादन में छठे स्थान पर आता हैं। वहीं दूसरी तरफ दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से अमेरिका के पास राष्ट्रीय रक्षा भंडार में अब टाइटेनियम नहीं बचा है।
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