युद्ध की समाप्ति के बाद भी 42 दिनों तक क्यों जिंदा रहे भीष्म पितामह?
18 दिनों तक चलने वाले महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह 10वें दिन ही धराशायी हो गए।
इसके बाद भी भीष्म पितामह ने मृत्यु को वरण नहीं किया।
अत्यंत पीड़ा सहते हुए भीष्म 42 दिनों तक शरशय्या पर लेटे रहे।
आइये जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?
दरअसल भरी सभा में द्रौपदी का अपमान हुआ और भीष्म कुछ नहीं कर पाए थे।
उन्हें इस बात का दुःख था कि उनकी आंखों के सामने स्त्री का अपमान हुआ और वो कुछ नहीं कर पाए।
अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए वो 42 दिनों तक शरशय्या पर 10 हजार बिच्छुओं के डंक के बराबर पीड़ा झेलते रहे।