पाकिस्तान-भारत सीमा पर हिंदू और जैन धर्म के लोगों के लिए एक धार्मिक गलियारा बनाने पर विचार किया जा रहा है.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पर्यटन मंत्री जुल्फिकार अली शाह ने क्षेत्र के हिंदू और जैन श्रद्धालुओं के लिए सीमा पर उनके धार्मिक कॉरिडोर बनाने की बात कही है.
शाह के मुताबिक ये धार्मिक कॉरिडोर उमरकोट और नगरपारकर में बन सकते हैं, हालांकि अभी कुछ तय नहीं हुआ है. इन इलाकों में हिंदुओं की बड़ी आबादी रहती है.
वहीं पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट में लगभग 2000 साल पुराना शिव मंदिर है जो हिंदुओं के प्राचीन मंदिरों में से एक है.
शाह के अनुसार इस शिव मंदिर को सिंध का सबसे प्राचीन हिंदू मंदिर माना जाता है.
मंदिर का निर्माण वहां के हिंदू श्रद्धालुओं की सुविधा और उनकी धार्मिक भावनाओं को ध्यान में किया गया था.
उमरकोट का यह मंदिर वहां के हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है.
पाकिस्तान में इसके अलावा और भी कई हिंदू मंदिर हैं, खैबर पख्तूनख्वा में परम हंस जी महाराज समाधि, इसके अलावा बलूचिस्तान के लासबेला जिले में हिंगलाज माता मंदिर भी स्थित है.
पंजाब के चकवाल जिले में कटास राज परिसर और मुल्तान जिले में प्रह्लाद भगत मंदिर भी बना है.