अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि हवाई जहाज में यात्रियों का मल कहां जाता है?
वैक्यूम टॉयलेट सिस्टम की खासियत यह है कि इसमें पानी और ठोस मल को अलग-अलग तरीके से निपटाया जाता है.
शौचालय से हवा खींची जाती है और उसे सील कर दिया जाता है, जिससे कोई भी गैस बाहर नहीं निकल पाती.
हवाई जहाज़ के टॉयलेट वेस्ट को सैनिटाइज़िंग लिक्विड के साथ मिलाकर 'नीली बर्फ' में बदल दिया जाता है.
इस 'नीली बर्फ' में बदलाव होते ही वेस्ट को ठंडा किया जाता है
विमान के लैंड होने के बाद, इसके पास एक खास ट्रक सभी शौचालय वेस्ट को इकट्ठा करता है.
इस ट्रक के माध्यम से वेस्ट को सीवर सिस्टम में डाल दिया जाता है.