जानें दिल्ली की जेल का नाम कैसे पड़ा तिहाड़ जेल

राजधानी दिल्ली के तिहाड़ जेल का नाम अधिकांश लोग जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये जेल कब बना था और इसका नाम तिहाड़ जेल क्यों पड़ा था.

दिल्ली स्थिति तिहाड़ जेल भारत की सबसे बड़ी जेल है. जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल का क्षेत्रफल 400 एकड़ में फैला हुआ है.

वहीं इसमें 9 केंद्रीय जेल मौजूद हैं. इसके अलावा वर्तमान समय में तिहाड़ जेल की क्षमता करीब 10 हजार कैदियों को रखने की है.

हालांकि 1958 में जब इस जेल की स्थापना हुई थी, उस वक्त इसकी क्षमता सिर्फ 1,273 कैदियों की थी.

तिहाड़ जेल पहले दिल्ली गेट इलाके में स्थित था. उस वक्त ये एक छोटी सा जेल हुआ करता था.

उसके बाद 1958 में जेल को दिल्ली गेट से नई दिल्ली के पश्चिमी भाग में तिहाड़ गांव में स्थानांतरित कर दिया गया था.

दरअसल तिहाड़ एक गांव था और ये  दिल्ली के सबसे पुराने गांवों में से एक है. कहा जाता है इस गांव की स्थापना 17वीं शताब्दी में एक मुस्लिम शासक ने की थी.

जानकारी के मुताबिक ये जेल तिहाड़ गांव में बना था, इसलिए इस जेल का नाम तिहाड़ जेल पड़ गया था.

तिहाड़ जेल शुरूआत में जिले स्तर का जेल था. लेकिन 1990 में सरकार ने जिले स्तर के तिहाड़ जेल को सेंट्रल जेल में अपग्रेड कर दिया था.

तिहाड़ जेल को सेंट्रल जेल नंबर 4 के रूप में नामित किया गया है. वहीं धीरे-धीरे तिहाड़ जेल में ही 9 सेंट्रल जेलों को जोड़ा गया है.