भारत के पहले पर्पल ऑफिसर्स तैयार! कौन हैं ये और क्या होगा इनका काम?
‘पर्पल ऑफिसर’ का मतलब क्या है?तीनों सेनाओं – थल, जल और वायु – में एकजुटता लाने वालेस्पेशल अफसर को कहा जाता है ‘पर्पल ऑफिसर’।
पर्पल क्यों कहते हैं?पर्पल रंग सेना (ग्रीन), नौसेना (ब्लू) और वायुसेना (लाइट ब्लू)को मिलाकर बनता है – इसीलिए इन ऑफिसर्स को कहते हैं ‘पर्पल’।
ट्रेनिंग कहां हुई?पहला बैचWarfare Centre, Arunachal Pradeshमें इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड के तहत ट्रेंड किया गया।
पर्पल ऑफिसर का काम क्या होगा?सभी तीन सेनाओं की समन्वित प्लानिंगएकजुट ऑपरेशन और रणनीति बनानायुद्ध की स्थिति में थल, जल और वायुबल को साथ लाना
क्यों ज़रूरी है ये भूमिका?मॉडर्न वॉरफेयर में जॉइंट ऑपरेशन्स की अहमियत बढ़ीडुप्लिकेशन कम होगी, रिसोर्सेस का बेहतर इस्तेमाल होगात्वरित निर्णय और एकीकृत रणनीति
शुरुआत कब और कैसे हुई?चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की पहल सेथियेटर कमांड का कॉन्सेप्ट आया
भारत के डिफेंस का नया चेहरापहली बार थलसेना, वायुसेना और नौसेना एकसाथ ट्रेनआत्मनिर्भर और एकीकृत डिफेंस स्ट्रक्चर की दिशा में बड़ा कदम
भविष्य में क्या होगा रोल? हर थियेटर कमांड में रहेंगे पर्पल ऑफिसर्स
सीमाओं पर त्वरित और प्रभावी निर्णय
समन्वय से दुश्मन को तगड़ा जवाब
पर्पल ऑफिसर – भारत की रक्षा रणनीति का भविष्य!
संयुक्त ताकत, स्मार्ट वॉरफेयर और बेहतर सुरक्षा के नए सेनानी।