क्या चांद पर पहुंचते ही हो जाते हैं बहरे! जानें ऐसा क्यों ?
चांद इकलौता ऐसा उपग्रह है जिस पर इंसानों ने कदम रख दिया है. हालांकि, इंसान चांद पर रह नहीं सकते.
ऐसा इसलिए क्योंकि वहां इंसानों का शरीर पृथ्वी के मुकाबले दूसरी तरह से काम करता है.
पृथ्वी पर एक इंसान दूसरे की आवाज इसीलिए सुन लेता है क्योंकि यहां गैसें उपलब्ध हैं और इन्हीं के माध्यम से हमारी आवाज ट्रेवल कर के दूसरे व्यक्ति के कान तक पहुंचती है.
दरअसल, ध्वनि, ऊर्जा का एक रूप है जो तरंगों के रूप में एक जगह से दूसरी जगह ट्रेवेल करती है. और यही ऊर्जा हमारे कान में सुनने के लिए संवेदन पैदा करती है.
आवाज को लोगों तक पहुंचने के लिए माध्यम की जरूरत होती है. हमारी आवाज को एक-दूसरे के सुनने के लिए गैसीय माध्यम की जरूरत होती है.
चन्द्रमा पर गैसें उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में चांद पर वायु का अभाव और निर्वात की स्थिति के कारण आवाज एक-दूसरे तक नहीं पहुंचती है.
यही वजह है कि चन्द्रमा पर हम अपनी आवाज नहीं सुन सकते.
आवाज सुनने के लिए माध्यम की जरूरत होती है और चांद पर माध्यम अनुपस्थित होता है.