इतिहास में एक हिंदू रानी थी जिसे मुगल बादशाह हुमायूं ने अपनी बहन का दर्जा दिया था।
राखी भेजने वाली मेवाण की रानी कर्णावती थी। उसने राखी भेजी और मुगल बादशाह ने उसके सम्मान की रक्षा की।
मुगल बादशाह हुमायूं साम्राज्य का विस्तार कर रहा था। इसी दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया।
अपने पति की मृत्यु के बाद मेवाड़ पर शासन करने वाली रानी कर्णावती ने बादशाह हुमायूं को साम्राज्य की रक्षा के लिए प्रस्ताव भेजा।
रानी कर्णावती ने प्रस्ताव में लिखा था कि हम आपस में संधि कर लें और बहादुर शाह का सामना करें।
हुमायूं ने रानी को अपनी बहन माना और उनकी रक्षा के लिए तैयार हो गया।
कई इतिहासकारों का दावा है कि बादशाह समय पर नहीं पहुंच पाए थे।
जब युद्ध की स्थिति बिगड़ गई तो रानी कर्णावती ने जौहर कर लिया।