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टूटा 30 साल का रिकॉर्ड, किसानों का रो-रोकर बुरा हाल, जानें इस विनाशकारी तूफान का लेटेस्ट अपडेट

नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान फेंगल ने पुडुचेरी और तमिलनाडु में भारी तबाही मचाई है. यह तूफ़ान 25 नवंबर को उठा और 30 नवंबर को पुडुचेरी पहुंचा. इसके बाद दोनों राज्यों में 90 KM प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसके बाद दोनों राज्यों में जलभराव की स्थिति देखी गई. 3 लोगों की मौत की खबर है. तूफान का असर आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक के मौसम पर भी पड़ा और इन इलाकों में फसलों की इतनी बर्बादी हुई है कि कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है. किसानों का रो-रोकर बहुत बुरा हाल होगा क्योंकि इतने एकड़ में लगी फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गयी है.

बारिश का टूटा रिकॉर्ड

कुछ ही घंटों में तूफान कमजोर पड़ गया, लेकिन तूफान के असर से पांचों राज्यों में भारी बारिश हुई. अकेले पुडुचेरी में 24 घंटे में 48.4 सेमी पानी गिरा, जिससे 30 साल में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड टूट गया. यहां तक ​​कि तूफान के कारण चेन्नई एयरपोर्ट को भी बंद करना पड़ा. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी हुई. रद्द भी करना पड़ा. यहां तक ​​कि स्कूल-कॉलेज भी अभी बंद हैं. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान का असर 7 दिसंबर तक रहेगा और बारिश होती रहेगी. राज्य सरकारें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

800 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद

चक्रवाती तूफान फेंगल का सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु पर पड़ा. इसके अलावा तूफान ने केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पुडुचेरी में भी कहर बरपाया. तमिलनाडु के नागापट्टिनम में 800 एकड़ से ज्यादा की फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गई. मराक्कनम और कोट्टाकुप्पम में 45 से 50 सेमी पानी गिरा. कामेश्वरम, पुडुपल्ली, विरुंधमावडी, वल्लपल्लम, वेद्रप्पु, वनमादेवी, कांचीपुरम, कल्लिमेडु, कुड्डालोर, ईरावायल, चेम्बोडी, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कल्लाकुरिची और मयिलादुथुराई में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहे. चेन्नई में उड़ानें और ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं.

स्कूल और कॉलेज बंद

बाढ़ संभावित इलाकों में एनडीआरएफ की 7 टीमें तैनात की गईं. 2 हजार राहत शिविरों में 1500 लोगों को रखा गया. तूफान के कारण पुडुचेरी में निचले इलाकों में जलभराव हो गया. दुर्घटनाओं से बचने के लिए सरकार ने बिजली की सुविधा बंद कर दी. कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर सड़कों पर गिरते दिखे. स्कूल और कॉलेज बंद रहे और कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट दी गई. 12 लाख लोगों को अलर्ट मोड में रखा गया. सेना के जवानों ने बाढ़ प्रभावित इलाके से 100 से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.

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Aprajita Anand

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