मेरठ: हर दुल्हन का सपना होता है कि उसकी शादी बिल्कुल अलग तरीके से हो, ताकि उसका दूल्हा और शादी में शामिल होने वाले सभी लोग उसे जीवन भर याद रखें। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक दुल्हन का कुछ ऐसा ही सपना था, लेकिन उसका सपना सपना ही बनकर रह गया। उसने जिस तरह अलविदा कहा उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
इस मंगेतर की विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। दरअसल जिस दिन लड़की की शादी होने वाली थी उसी दिन उसकी जान चली गई। इसके बाद परिजनों ने उसे दुल्हन की तरह विदा करने का ही फैसला किया। आइए आपको पूरा मामला तफ्सील से बताते हैं:
आपको बता दें, यह मामला अमरोहा का बताया जा रहा है। यहाँ पर युवती की शादी तय की गई थी और उसके हाथों में मेहंदी लगी हुई थी और उसकी बारात आने वाली थी। उसी दिन एकाएक युवती की किस्मत और जान दोनों ने ही उसका साथ छोड़ दिया। इसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतक लड़की के ससुराल में बारात की तैयारियाँ जोर शोर से चल रही थी, जबकि युवती खुद 10 दिनों से बीमार चल रही थी। युवती की शादी 15 मार्च को शादी होनी थी।
आखिरकार, किस्मत का लिखा कहाँ मिट सकता है। ऐसा ही इस युवती के साथ हुआ। हाथों में मेहंदी लगाने वाली दुल्हन की मौत हो गई है। मौत के बाद दुल्हन ने आखिरी बार लाल जोड़े में अंतिम विदाई दी गई। जिस घर में थोड़ी देर पहले खुशी का माहौल रहता था वह मातम में बदल गया है। जिस घर में दुल्हन को डोली में बिठाकर विदा होना था, वहाँ से उसकी अर्थी निकल गई। लड़की के परिजनों ने उसे दुल्हन की तरह सजाकर उसका अंतिम संस्कार किया।
मिली जानकरी के अनुसार, अमरोहा के हसनपुर गाँव में रहने वाले किसान चाँद किरण की 20 वर्षीय बेटी कविता की बारात 15 मार्च को आने वाली थी। बारात के 5 दिन पहले लड़की को बुखार आया था और जिस दिन बारात आने वाली थी उसी दिन दुल्हन कविता ने अस्पताल में आखिर साँस ली। कविता की मौत के बाद परिवार में मातम पसर गया। घर की खुशी मातम में बदल गई।
फिल्म जगत में श्याम बेनेगल के योगदान को देखते उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991…
श्याम बेनेगल भारतीय सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं, जिन्हें शायद ही किसी परिचय की…
इन सज्जन से पूछा गया कि आप क्या सपोर्ट चाहते हैं जिससे आपकी जिंदगी बदल…
यह जहाज कराची से दुबई होते हुए चटगांव पहुंचा। इस जहाज का संचालन दुबई की…
वायरल वीडियो आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया। पोस्ट का शीर्षक था,…
फिल्म जगत में श्याम बेनेगल के योगदान को देखते उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991…