नई दिल्ली : राकेश झुनझुनवाला के निधन ने पूरे कारोबार जगत को शोक से भर दिया. लेकिन जाने के बाद भी उनकी कई यादें इंटरनेट की दुनिया में इस समय तैर रही हैं. राकेश झुनझुनवाला के निधन के कुछ ही समय बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम द्वारा शेयर किया गया एक वीडियो इस समय वायरल हो रहा है. इस वीडियो में झुनझुनवाला ट्विटर ‘कजरा रे’ पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में झुनझुनवाला अपने दोस्तों और परिवार से घिरे हुए हैं और व्हीलचेयर पर ही फिल्म ‘बंटी और बबली’ के गाने पर थिरकते नज़र आ रहे हैं.
राकेश झुनझुनवाला की दोनों किडनियाँ खराब हो गईं थीं।
वे डायलिसिस पर थे।
उनका यह वीडियो मौत को बौना बता रहा है।
बस, जिंदगी जीने की जिद्द होनी चाहिए।#Rakeshjhunjhunwala pic.twitter.com/9tDIn9wr9G— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) August 14, 2022
राकेश झुनझुनवाला की मौत के कुछ घंटों बाद शेयर किया गया यह वीडियो इस समय वायरल हो रहा है.वीडियो में शेयर मार्केट की दुनिया के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला बॉलीवुड के गाने ‘कजरा रे’ पर दुपट्टा लेकर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. देखा जा सकता है कि वह व्हीलचेयर पर हैं. वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, ‘राकेश झुनझुनवाला की दोनों किडनी फेल हो गई थीं और वह उस समय डायलिसिस पर थे.
यह वीडियो बताता है कि वह हर परिस्थिति में जीने की इच्छा रखते थे. ‘बता दें, दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला आज 62 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. वो बेहद ही जिंदादिल इंसान थे इस बात का अंदाज़ा इस वीडियो से लगाया जा सकता है. उनकी ज़िंदादिली का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ट्वीट में किया है.
राकेश झुनझुनवाला का शेयर बाजार में सफर सिर्फ 5 हजार रुपये से शुरू हुआ था। आज जब उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली उस वक्त उनके पास करीब 40 हजार करोड़ रुपये दौलत थी। शेयर बाजार में झुनझुनवाला की सफलता की वजह से ही उन्हें इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट कहा जाता था। बताया जाता है कि जब आम निवेशक शेयर बाजार में अपने पैसे गंवा रहे होते थे, उस समय झुनझुनवाला कमाई करने में सफल रहते थे।
राकेश झुनझुनवाला ने भारतीय शेयर बाजार में साल 1985 में कदम रखा था। उन्हें अपने पिता से बाजार में पैसे लगाने की प्रेरणा मिली थी। हालांकि जब पहली बार झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बनाया तो उनके पिता ने उन्हें पैसे देने से इनकार कर दिया था। पिता ने झुनझुनवाला को सख्त हिदायत भी दी थी कि वो किसी दोस्त से पैसे उधार नहीं लें। उनका साफ कहना था कि अगर शेयर बाजार में उतरना है तो पहले उसमें लगाने लायक पैसे अपनी खुद की मेहनत से कमाओ।
बता दें कि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश झुनझुनवाला ने 1985 में पांच हजार रुपये का निवेश कर एक इन्वेस्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्हें सबसे बड़ा ब्रेकथ्रू टाटा के शेयर से मिला। जब उन्होंने एक समय टाटा टी के पांच हजार शेयर 43 रुपये के हिसाब से खरीदा, इसके बाद तीन महीने में ही टाटा टी का शेयर काफी चढ़ गया और तब झुनझुनवाला ने इस शेयर को 143 रुपये के हिसाब से बेच डाला। ये साल 1986 की बात है। इस निर्णय से झुनझुनवाला को तीन महीने में ही 2.15 लाख रूपये के निवेश पर पांच लाख रुपये का मुनाफा हुआ था।
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