Karnataka Hijab Row: बेंगलुरु, कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब बनाम भगवा (Karnataka Hijab Row) का नाटक अब शायद कुछ दिनों के भीतर थमता हुआ नज़र आए. खबर है कि स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजजात मिलेगी या नहीं, इसपर जल्द फैसला होने वाला है. बहरहाल, कर्नाटक HC ने आदेश सुरक्षित रखा है. […]
बेंगलुरु, कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब बनाम भगवा (Karnataka Hijab Row) का नाटक अब शायद कुछ दिनों के भीतर थमता हुआ नज़र आए. खबर है कि स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजजात मिलेगी या नहीं, इसपर जल्द फैसला होने वाला है. बहरहाल, कर्नाटक HC ने आदेश सुरक्षित रखा है.
कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर इस मामले में मुख्य न्यायाधीश समेत तीन न्यायाधीशों की पीठ ने आज सुनवाई की. जहाँ, कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामले से संबंधित पक्षों से दो से तीन दिनों के भीतर अपनी लिखित दलीलें प्रस्तुत करने को कहा है. दरअसल, अब स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति मिलेगी या नहीं, इस मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka HC) अपना फैसला जल्द सुनाने वाला है. बहराहल, मामले की सुनवाई कर रही कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायधीशों की बेंच ने मामले पर बहस खत्म होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिए है.
कर्नाटक के हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka HC) में सुनवाई चल रही है. जहाँ, अब मुख्यन्यायधीश ने मामले से सम्बंधित पक्षों से दो से तीन दिनों के अंतर्गत अपनी दलीलों को लिखित में प्रस्तुत करने को कहा है. मामले की जवाबी दलीलों में अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि उनकी मुवक्किल (Client) एक सह-शिक्षा कॉलेज (Co-ed College) में पढ़ती हैं, जहां उसने दो साल पहले दाखिला लिया था. उन्होंने आगे कहा कि जब से उनकी मुवक्किल ने कॉलेज में दाखिला लिया था तब से ही वे लगातार कॉलेज में हिजाब पहनकर जाती थीं, लेकिन अब अचानक ही इस तरह से कॉलेज में हिजाब पहनकर आने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है.
मामले पर जहाँ हिजाब का समर्थन कर रहा पक्ष लगातार अपनी दलीलें पेश कर रह है वहीं, कोर्ट के न्यायाधीश अवस्थी का मामले पर कहना है कि हम किसी प्रतिबंध की बात नहीं कर रहे हैं. हम केवल आपके अधिकार की बात कर रहे हैं, जिसके लिए आप जोर दे रहे है. शैक्षणिक संस्थान में निर्धारित वर्दी है, फिर हिजाब पहनने पर जोर कैसे दे सकते हैं.