नई दिल्ली। उत्तराखंड के मौलाना UCC लागू होने से भड़के हुए हैं। उन्होंने समान नागरिक संहिता को लेकर नाराजगी जताई है। मौलानाओं का कहना है कि मोदी सरकार मुस्लिमों की हैसियत कम में लगी हुई है। उनके मुताबिक UCC उन लोगों पर लादा जा रहा है।
हाल ही में एक महिला पत्रकार से बातचीत करते हुए मौलानाओं ने कई तरह की आशंकाएं जाहिर की। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में मौलाना कहता है कि UCC लागू करने से पहले उलेमा से राय-मशवरा लिया गया था। इसे लेकर अलग जगह-जगह पर मीटिंग हुई थी। हमने इन बैठक में साफ़ बता दिया कि इस्लाम हमारी रगों में घुसा हुआ है और इसे हम नहीं किसी भी कीमत पर छोड़ सकते।
“UCC से सरकार हमारी हैसियत को कम करना चाहती है, मज़हब-ए-इस्लाम हमारी रगो में है, हम उसे नहीं छोड़ सकते” #UCC pic.twitter.com/KEraJ33TsA
— aditi tyagi (@aditi_tyagi) March 5, 2025
आगे मौलाना कहता है कि इसमें एक कानून बनाया गया है कि अब मामू की लड़की और फूफी की लड़की से निकाह नहीं कर सकते हैं लेकिन इसकी इजाजत तो हमारा शरीयत हमें देता है। किसी ने अपनी बीवी को तलाक दिया है तो फिर उस तलाकशुदा महिला को 3 महीने इद्दत करनी पड़ती है लेकिन UCC में यह खत्म सब कर दिया गया है। हमारी शरीयत के भीतर दखल हम बर्दाश्त ये नहीं कर सकते।
बता दें कि समान नागरिक संहिता यानी UCC लागू होने से मुस्लिम मर्दों का किसी से भी निकाह कर लेना आसान नहीं होगा। UCC में 74 ऐसे रिश्तों का जिक्र किया गया है, जिसमें न तो उनके साथ निकाह में बंध सकते हैं और न ही लिव इन रिलेशनशिप में। अगर वो ऐसा करते हैं तो सबसे पहले मौलानाओं को बताना पड़ेगा। रजिस्ट्रार को भी सूचित करना पड़ेगा। रजिस्ट्रार तय करेगा कि रिश्ता सार्वजनिक नैतिकता के खिलाफ है या नहीं। नियम के विरुद्ध पाए जाने पर रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा।