इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि जिस मुस्लिम कर्मचारी की एक से ज्यादा बीबी है, उसमें पहली वाली पेंशन की हकदार होगी।
नई दिल्ली/लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम कर्मचारी, जिनकी एक से अधिक पत्नी हैं, उनके पेंशन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी मुस्लिम कर्मचारी की एक से ज्यादा बीबी है तो ऐसे में उसकी पहली पत्नी पेंशन की हकदार होगी।
मामला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय यानी AMU के रिटायर कर्मचारी मोहम्मद इशाक से जुड़ा हुआ है। इशाक ने तीन शादियां की थीं। इसमें से उनकी दूसरी पत्नी का निधन हो चुका है तो ऐसे में उनके निधन के बाद पेंशन उनकी तीसरी बीबी शादमा को मिल रही थी। इशाक की पहली पत्नी को पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रहा था। इस संबंध में उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को कई बार पत्र लिखा लेकिन पेंशन नहीं मिली। इसके बाद कानून का रुख अपनाया गया।
मोहम्मद इशाक की पहली पत्नी सुल्ताना बेगम ने इसे लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रकाश पाडिया की पीठ ने फैसला सुनाया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक पहली पत्नी को पारिवारिक पेंशन मिलने का वैध अधिकार है। इस फैसले से यह तय हो गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार किसी भी सरकारी या रिटायर कर्मचारी की पहली पत्नी को ही पेंशन मिलेगी।