लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगमों के महापौर पद के लिए दो चरण में चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव में सबसे प्रतिष्ठित सीट लखनऊ नगर निगम के मेयर की है जिसपर लंबे समय से भाजपा का दबदबा रहा है. समाजवादी पार्टी भी इस सीट पर कब से नज़रें गड़ाए हुए है. इन […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगमों के महापौर पद के लिए दो चरण में चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव में सबसे प्रतिष्ठित सीट लखनऊ नगर निगम के मेयर की है जिसपर लंबे समय से भाजपा का दबदबा रहा है. समाजवादी पार्टी भी इस सीट पर कब से नज़रें गड़ाए हुए है. इन निकाय चुनावों में भी सपा की नज़र राजधानी सीट पर होगी जिसके लिए पार्टी नेतृत्व ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं.
लखनऊ नगर निकाय की मेयर सीट पर लंबे समय से बीजेपी रही है लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है. इस साल भी सपा ने अपनी एक सवर्ण उम्मीदवार वंदना मिश्रा को इस सीट पर मैदान में उतारा है इतना ही नहीं 1’मई को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी लखनऊ में अपने पार्टी की मेयर प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचेंगे. समाजवादी पार्टी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है और बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री 1 मई को मेट्रो के जरिए लखनऊ में निकाय चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचेगे. इस दौरान अखिलेश यादव मेट्रो में मुंशी पुलिया से लेकर एयरपोर्ट तक प्रचार करने वाले हैं. इसके बाद वह अगले ही दिन राजधानी में अपना भव्य रोड शो भी करेंगे.
बता दें, अखिलेश यादव ने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए लखनऊ मेट्रो का उद्घाटन 1 दिसंबर 2016 को किया था. इस प्रकार इस बार उनका उद्देश्य शहरी मध्यवर्ग के बीच खुद को विकास पुरुष के रूप में दिखाना है. यह वर्ग परंपरागत तौर पर तो भाजपा का ही वोटर रहा है. लॉ एंड आर्डर के कारन इस वर्ग का समर्थन सपा के हक़ में कम ही देखने को मिला है. बता दें, इस बार उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट पर पत्रकार से राजनेता बनने वाली वंदना मिश्रा ने सपा की ओर से दांव खेला है. वह पेशे से पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता रह चुकी हैं. साथ ही वंदना पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबिर्टीज की अध्यक्ष भी हैं. उनके पति रमेश दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हैं जो वहां राजनीतिक शास्त्र पढ़ाते थे।
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