2019 के चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर दरों यानी इनकम टैक्स स्लैब में कोई चेंज नहीं किया है लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन को फिर से शुरू करते हुए उसे 40 हजार कर दिया है. सैलरी वालों के लिए इसका सीधा मतलब ये है कि अब तक अगर 2.5 लाख रुपए से ऊपर सालाना कमाई पर टैक्स शुरू हो जाता था वो अब 2.90 लाख से शुरू होगा. 40 हजार का ये स्टैंडर्ड डिडक्शन ट्रेवल और मेडिकल खर्च के मद में मिलेगा लेकिन सरकार ने ट्रेवल और मेडिकल एलाउंस खत्म करने का प्रस्ताव भी रखा है जिससे टैक्स पेयर को असल में कोई राहत मिलने के बदले कुछ चूना ही लगेगा.
नई दिल्ली.वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को आम बजट में नौकरी-पेशा वालों के लिए इनकम टैक्स स्लैब यानी आयकर दर में कोई छूट नहीं दी लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार का ऐलान करके टैक्स लगने की आय 2.50 लाख से बढ़ाकर 2.90 लाख कर दी. इस तरह से सैलरी वालों को अब 2.50 लाख से ज्यादा कमाई पर लग रहा टैक्स 2.90 लाख की कमाई से शुरू होगा. बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट और मेडिकल अलाउंस वापस लेने का भी प्रस्ताव है. फायदा और नुकसान मापने के बाद पता चलता है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन से जो बचेगा, उससे ज्यादा चला जाएगा क्योंकि परिवहन और मेडिकल भत्ते की छूट खत्म होगी और आयकर पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेस 3 परसेंट से बढ़कर 4 परसेंट हो जाएगा.
40 हजार स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ-साथ मेडिकल और ट्रेवल एलावंस खत्म होने से लोगों को टैक्स छूट आय में 5800 रुपये का फायदा हुआ है. ये छूट असल में फायदा है या घाटा, ये इस पर निर्भर करेगा कि वह किस इनकम टैक्स स्लैब में है. जो अभी आय पर 5 प्रतिशत टैक्स भर रहे हैं वह 290 रुपये बचाएंगे. जो 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत टैक्स चुका रहे हैं वह टैक्स में क्रमश 1160 और 1740 रुपये की बचत करेंगे. लेकिन 4 परसेंट सेस लगने के बाद वो जो टैक्स भरेंगे और उस टैक्स पर 4 परसेंट मेडिकल और एजुकेशन सेस देंगे, उससे उनकी बचत गायब हो जाएगी और जेब में थोड़ा-बहुत चूना ही लगेगा.
मनमोहन सिंह सरकार के जमाने में 2005-06 में पी चिदंबरम ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को खत्म करके 15000 रुपये मेडिकल एलाउंस और 19200 रुपये ट्रांसपोर्ट अलाउंस लाया था. अरुण जेटली ने उन दोनों को खत्म करने का प्रस्ताव रखते हुए इस मद में टोटल डिडक्शन 40 हजार करने का प्रस्ताव रखा है. जेटली ने बुजुर्गों के लिए बैंक जमा पर ब्याज आय की छूट 50,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.5 फीसदी बढ़ा है (90 हजार करोड़) और टैक्स चुकाने वालों की तादाद 19.25 लाख बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 5.95 लाख करोड़ रुपये है जो जीडीपी का 3.5 परसेंट हैं. वित्त मंत्री ने 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में 5 परसेंट की छूट देने का ऐलान किया है.
Standard deduction of Rs 40,000 for salaried employees in lieu of transport and medical expenses: FM Jaitley #UnionBudget2018
— ANI (@ANI) February 1, 2018
For senior citizens, exemption of interest income on bank deposits raised to Rs 50,000: Arun Jaitley
— ANI (@ANI) February 1, 2018
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