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Advocate: काले कपड़े में क्यों होती है ज्यादा गर्मी, कब और कैसा बन गया वकीलों की पहचान

Advocate: दुनिया के ज्यादातर देशों में हर प्रोफेशन के लिए एक ड्रेस कोड बनाया गया है. डॉक्टरों के लिए सफेद कोट और वकीलों के लिए काला कोट बना हुआ है. आपने यह जरुर देखा होगा कि वकील (Advocate) कोर्ट में हमेशा काले कोर्ट ही पहन कर आते हैं .गर्मी के मौसम में काला कोर्ट पहनने […]

Advocate: Why is it more hot in black clothes, when and how did the identity of lawyers become?
inkhbar News
  • May 31, 2024 7:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

Advocate: दुनिया के ज्यादातर देशों में हर प्रोफेशन के लिए एक ड्रेस कोड बनाया गया है. डॉक्टरों के लिए सफेद कोट और वकीलों के लिए काला कोट बना हुआ है. आपने यह जरुर देखा होगा कि वकील (Advocate) कोर्ट में हमेशा काले कोर्ट ही पहन कर आते हैं .गर्मी के मौसम में काला कोर्ट पहनने से गर्मी बहुत ज्यादा लगती है. काले कोर्ट को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गी है. क्या आपको पता है कि वकीलों ने काला कोले कोर्ट पहनने की शुरूआत कब की थी. आज हम इस सब की जानकारी आपको अपने इस लेख के जरिए देंगे.

कब बना काला कोर्ट वकीलों का ड्रेस

कोर्ट रूम हो या चैंबर हो वकील (Advocate) हर जगह काला कोर्ट में ही दिखाई देते हैंं. यह काला कोर्ट ही उनकी पहचान होती है. जानकारी के मुताबिक वकीलो के काला कोट पहनने की परंपरा इंग्लैंड से शुरू हुई थी. हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था भी अंग्रेजों के बनाए सिस्टम से ही चलती है. जिसकी वजह से भारतीय कोर्ट में वकीलों के ब्लैक कोट पहनने का रिवाज अब भी चल रहा है. सन1865 में इंग्लैड के शाही परिवार ने किंग्‍स चार्ल्‍स द्वितीय के निधन पर कोर्ट में जज और वकीलों को ब्‍लैक कपड़े पहनने का आदेश दिया गया था. जबकि वकीलों के काले कोट का ड्रेस कोड प्रस्ताव 1637 में ही रखा जा चुका था. जिसका कारम यह था कि वकील आम लोगों से अलग दिखाई पड़ें. उसी समय से ही कोर्ट में ब्‍लैक कोट पहनने का चलन शुरू हो गया था. जबकि भारत में साल 1961 में वकीलों के लिए काला कोट पहनना अनिवार्य किया गया. काले कोर्ट के बारे में कहा जाता है कि यह ड्रेस कोड वकीलों में अनुशासन लाता है और न्याय के प्रति उनके मन में विश्वास को बढ़ाता है.

काले कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

आज सोशल मीडिया से लेकर अखबारो इस भयंकर गर्मी में काले कोट का जिक्र हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि वकील (Advocate) शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने अपनी याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि गर्मी के महीनों में वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में उन्होंने कहा है कि बढ़ती गर्मी के मौसम में इससे वकीलों को परेशानी और स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं. अपनी इस याचिका में उन्होंने उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि काले कोट और गाउन को ब्रिटिश ड्रेस कोड के रूप में लागू किया गया था. जब इसको लागू किया गया था तब देश की जलवायु पर ध्यान नहीं दिया गया था.

काले कपड़े में ज्यादा लगती है गर्मी

हालांकि यह बात सच है कि काले कपड़ों में गर्मी ज्यादा लगती है. इसका कारण यह है कि काले और गहरे रंग के कपड़े सूर्य की रोशनी को ज्यादा अवशोषित करते हैं. जब तक हम धूप में रहेंगे तब तक काले रंग के कपड़े धूप यानी रोशनी को तेजी से अपनी तरफ ज्यादा एब्जॉर्ब करेंगे, जिसकी वजह से सूर्य की रोशनी ऊष्मा यानी गर्मी में बदलकर इन कपड़ों पर ठहर जाती है. जिसके कारण काला कपड़ा ज्यादा गर्म हो जाता है.जब गर्मी पड़ती है तब काला कपड़ा पहनने पर ज्यादा दिक्कत होती है.

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