DELHI: कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर 1 साल से चल रहा किसान आंदलन सफल रहा। कृषि कानून रद्द हो जाने की घोषणा के बाद अब राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा प्रदर्शन फिर से जोर पकड़ सकता है। दिल्ली पुलिस को शक है कि नागरिकता संशोधन कानून(CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन(NRC) के […]
DELHI: कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर 1 साल से चल रहा किसान आंदलन सफल रहा। कृषि कानून रद्द हो जाने की घोषणा के बाद अब राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा प्रदर्शन फिर से जोर पकड़ सकता है। दिल्ली पुलिस को शक है कि नागरिकता संशोधन कानून(CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन(NRC) के खिलाफ एक बार फिर शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी जुट सकते हैं।
दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी के अनुसार उन्हें खुफिया एजेंसियों से इस तरह के इनपुट मिले हैं। जिस तरीके से किसान आंदोलन को जीत मिली है शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों में भी अपनी मांगो को लेकर सड़क पर उतरने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि इस इनपुट के बाद शाहीन बाग और जामिया नगर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। यहां पर स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पैरामिलेट्री फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है। इस मामले में DCP का कहना है कि बढ़ते हुए अपराध को काबू करने के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है।
गौरतलब है कि, बीते साल CAA और NRC के विरोध में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन हुए थे। जिसमें से शाहीनबाग इलाके में सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा दिनों तक प्रदर्शन किया गया था। महिलाओं के नेत्रत्व में चलने वाला ये प्रदर्शन करीब 101 दिन चला था। एक साल तक चले कृषि कानून के आंदोलन के बाद ये अभी तक का दूसरा सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला बड़ा प्रदर्शन रहा है। इस आंदोलन का चेहरा बनी बुजुर्ग महिला बिलकिस बानो को टाइम मैगजीन ने साल 2020 के सबसे प्रभावशाली लोगों में शुमार किया था।