लखनऊ। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने से यमुना नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. इससे पहले दिल्ली और अब उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा में यमुना का पानी खतरे के निशान के पास पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ […]
लखनऊ। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने से यमुना नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. इससे पहले दिल्ली और अब उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा में यमुना का पानी खतरे के निशान के पास पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
दिल्ली के बाद अब आगरा में नदी का जलस्तर बढ़ गया है. निचले इलाकों में पानी बढ़ने लगा है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार लोगों को सतर्क कर रही है और सुरक्षित स्थानों की तरफ ले जा रही है. बता दें कि प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए पहले ही बाढ़ राहत कैंप का निर्माण कर लिया है.
यूपी में भी यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यूपी के गौतमबुद्ध नगर, आगरा, अलीगढ़, शामली, मथुरा, फिरोजाबाद जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. तो वहीं निचले इलाकों में भी पानी भर रहा है, जिससे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश में आगरा के साथ-साथ मथुरा में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है. आज सुबह यमुना का जलस्तर बढ़कर 165.80 मीटर तक पहुंच गया है, 20 सेमी पानी बढ़ा तो यमुना में खतरे का निशान166 मीटर को पार जाएगी. ऐसे में प्रशासन ने संभावित खतरे से निपटने के लिए निचले इलाकों को खाली करना शुरू कर दिया है.
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. बीते शुक्रवार को सहारनपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत शिविरों का निरिक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को लोगों को राहत एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
दिल्ली: यमुना की बाढ़ से लॉकडाउन जैसी हालत, सड़कें बंद, ITO से लेकर राजघाट तक पानी