नई दिल्ली: भले ही दिल्ली में यमुना नदी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा हो लेकिन अभी भी इसका जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. शनिवार सुबह दिल्ली में यमुना का जलस्तर 206.14 मीटर दर्ज किया गया है. राहत की बात ये है कि यमुना का जलस्तर नीचे आया है लेकिन मौसम […]
नई दिल्ली: भले ही दिल्ली में यमुना नदी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा हो लेकिन अभी भी इसका जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. शनिवार सुबह दिल्ली में यमुना का जलस्तर 206.14 मीटर दर्ज किया गया है. राहत की बात ये है कि यमुना का जलस्तर नीचे आया है लेकिन मौसम विभाग द्वारा बारिश के अलर्ट ने दिल्लीवासियों की चिंता बढ़ा दी है.
बाढ़ प्रभावित जिलों में दिल्ली सरकार ने 6 मंत्रियों को राहत बचाव कार्य करने की जिम्मेदारी दी है. साउथ ईस्ट जिले की ज़िम्मेदारी कैलाश गहलोत को दी गई है. वहीं आतिशी को नॉर्थ ईस्ट जिले, सौरभ भारद्वाज को ईस्ट में राहत कार्य की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्री राजकुमार आनंद को नॉर्थ, इमरान हुसैन को सेंट्रल और गोपाल राय को शाहदरा क्षेत्र में राहत बचाव करने की जिम्मेदारी दी गई है. रविवार को भी दिल्ली में बारिश होने की आशंका है. यदि ऐसा होता है तो दिल्ली के कई इलाके एक बार फिर जलमग्न हो सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के पास मथुरा रोड पर जलभराव देखा जा रहा है जहां सड़कों पर जलभराव के कारण दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में खान मार्केट और तीन मूर्ति गोल चक्कर जैसे रास्तों से ना जाने की सलाह दी गई है. इतना ही नहीं दिल्लीवासियों के आगे अब तीन और बड़ी समस्या है. ये समस्या सड़कों पर गंदे पानी से बीमारी फैलने का डर, साफ पानी की किल्लत और बारिश होने से फिर जलभराव का डर है.
ऐसे में भले ही यमुना नदी का जलस्तर कम हो रहा हो लेकिन लोगों की मुसीबत अभी भी उतनी ही है. जब दिल्ली की सड़कों और रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी पीछे हट जाएगा तो सड़को पर गंदगी और बीमारी का अंबार लग जाएगा.
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