नई दिल्ली: लोकसभा में पारित होने के बाद आज महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया गया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को उच्च सदन में पेश करते हुए कहा कि सदन में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करना बहुत बड़ा कदम है. इसके साथ ही उन्होंने कहा […]
नई दिल्ली: लोकसभा में पारित होने के बाद आज महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया गया. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को उच्च सदन में पेश करते हुए कहा कि सदन में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करना बहुत बड़ा कदम है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी, ये फैसला परिसीमन आयोग करेगा.
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश करते हुए कहा, ‘मैं आज जो संविधान संशोधन विधेयक लेकर आया हूं, उसके जरिए अनुच्छेद 330, अनुच्छेद 332 और अनुच्छेद 334 में एक धारा डाली जाएगी. इनके जरिए लोकसभा और देश की सभी राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी. यह एक बड़ा कदम है.’
यह आरक्षण ऊर्ध्वाधर के साथ-साथ क्षैतिज भी है. इसके तहत एससी-एसटी महिलाओं को भी आरक्षण मिलेगा. इसलिए जनगणना और परिसीमन महत्वपूर्ण है. जैसे ही विधेयक पारित होगा, जनगणना और परिसीमन होगा. यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है. कौन सी सीट महिलाओं को मिलेगी, यह परिसीमन आयोग तय करेगा.
इससे पहले बुधवार को लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास हो गया. महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े. लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है. बिल के पास होने के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. बता दें कि महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाने का प्रावधान है. इसका मतलब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी.