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महाराष्ट्र सियासी संकट : फ़्लोर टेस्ट से बच पाएंगे उद्धव? SC में सुनवाई

मुंबई, पिछले कई दिनों से जारी सियासी बवाल के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट को लेकर सरकार को नोटिस दे दिया है. इस नोटिस को लेकर शिवसेना में हलचल मच गई है. जहां इस फ्लोर टेस्ट के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. फ्लोर टेस्ट के खिलाफ महा विकास […]

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महाराष्ट्र सियासी संकट : फ़्लोर टेस्ट से बच पाएंगे उद्धव? SC में सुनवाई
  • June 29, 2022 5:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई, पिछले कई दिनों से जारी सियासी बवाल के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट को लेकर सरकार को नोटिस दे दिया है. इस नोटिस को लेकर शिवसेना में हलचल मच गई है. जहां इस फ्लोर टेस्ट के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. फ्लोर टेस्ट के खिलाफ महा विकास अघाडी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज़ की है. इस याचिका पर सुनवाई भी अब शुरू हो गई है. जहां देखना ये है कि सरकार क्या अपना पक्ष बचा पाएगी?

क्या बोले शिवसेना के वकील?

सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखेंगे. दूसरी ओर शिंदे गुट की तरफ से कोर्ट में नीरज किशन कौल दलील रखने वाले हैं. सुनवाई के दौरान शिवसेना के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया है कि उन्हें आज ही फ्लोर टेस्ट को लेकर जानकारी मिली है. उन्होंने आगे कहा, कि जब तक विधायकों का सत्यापन नहीं हो जाता है तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता है. सिंघवी की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा गया है कि क्या फ्लोर टेस्ट के लिए कोई न्यूनतम समय होता है?

इसके अलावा ‘बहुमत परीक्षण 10 या 15 दिनों में दुबारा नही हो सकता अगर परिस्थिति बदलती है तो?’ सवाल भी किया गया है. कोर्ट ने भी इस बात को लेकर सवाल जवाब किए हैं कि संविधान में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं? इस पर सिंघवी ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट बहुमत जानने के लिए होता है. शिवसेना ने कोर्ट में कहा कि स्पीकर के फैसले से पहले कोई फ्लोर टेस्टिंग नहीं होनी चाहिए. क्योंकि उनके फैसले के बाद सदन सदस्यों की संख्या बदलेगी.

फ्लोर टेस्ट के बारे में चिंतित नहीं

बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम कल मुंबई पहुंचेंगे। 50 विधायक हमारे साथ हैं। हमारे पास 2/3 बहुमत है। हम किसी भी फ्लोर टेस्ट के बारे में चिंतित नहीं हैं। हम सब कुछ पास करेंगे और हमें कोई नहीं रोक सकता। लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है और हमारे पास वह है।

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