लखनऊ: पश्चिमी यूपी का खूंखार गैंस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर में मारा गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस की STF टीम ने अनिल दुजाना को मेरठ के पास गुरुवार को मार गिराया. अनिल दुजाना के गैंगस्टर बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है जहां आपसी रंजिश, जातीय दुश्मनी के मामूली झगड़ों ने उसे उत्तर प्रदेश […]
लखनऊ: पश्चिमी यूपी का खूंखार गैंस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर में मारा गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस की STF टीम ने अनिल दुजाना को मेरठ के पास गुरुवार को मार गिराया. अनिल दुजाना के गैंगस्टर बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है जहां आपसी रंजिश, जातीय दुश्मनी के मामूली झगड़ों ने उसे उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली का खूंखार गैंगस्टर बना दिया. आइए जानते हैं पुलिस के लिए सिरदर्द बनने वाले अनिल दुजाना की कहानी.
अनिल दुजाना उसी दुजाना गांव का रहने वाला है. ये बादलपुर का वो ही दुजाना गांव है जहां के कुख्यात डकैत सुंदर नागर ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जान से मारने की धमकी दी थी. दिल्ली-एनसीआर में 70-80 के दशक में उसका खूब आतंक रहा. इसी गांव से आने वाले अनिल दुजाना का असली नाम अनिल नागर है. उसके खिलाफ 62 केस दर्ज है जिसमें से 18 मामले हत्या के हैं. बाकी के मामले लूटपाट, रंगदारी, जमीन कब्ज़ा और आर्म्स एक्ट से जुड़े हैं जिसके अलावा अनिल दुजाना का नाम गैंगस्टर और रासुका एक्ट में भी आ चुका है. उसका खौफ उस समय और भी ज़्यादा हो गया था जब उसने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी।
दरअसल, पश्चिमी यूपी में दो गैंगस्टर नरेश भाटी और सुंदर भाटी के बीच गैंगवार काफी मशहूर था. लेकिन साल 2004 में सुंदर भाटी गुट ने जिला पंचायत अध्यक्ष नरेश भाटी की हत्या कर दी थी जिसके बाद नरेश के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने हत्या का बदला लेने के लिए अनिल दुजाना को अपने साथ मिलाया. इसी कड़ी में साल 2011 के नवंबर महीने में सुंदर भाटी को मारने के लिए तीनों ने उसके भांजे की शादी समारोह का दिन चुना. तीनों सुंदर भाटी को सबके सामने मौत के घाट उतारकर दहशत फैलाना चाहते थे. इस दौरान तीनों ने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई इसके बाद भी भाटी बच गया लेकिन इस खूनी हमले में तीन ज़िंदगियां चली गईं.
हत्याकांड में अनिल दुजाना 2012 में धरा गया उसके बाद 2014 में सुंदर भाटी ने हमले पर पलटवार करते हुए उसके भाई को मार डाला. इसके बाद जब वह जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आया तो उसने इसी साल अक्टूबर में एक और व्यापारी से 1 करोड़ की रंगदारी मांगी ही. इतना ही नहीं उसने एक गवाह को हत्या मामले में धमकाया भी था. इन सब मामलों के अलावा अनिल दुजाना किसी भी मामले की पेशी में नहीं जाता था. इसका असर ये हुआ कि अदालत ने उसपर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. यूपी पुलिस ने अनिल दुजाना पर 75 हजार का इनाम भी रखा था.
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