नई दिल्ली. देश को नया सीडीएस मिल गया है, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को नया सीडीएस नियुक्त किया गया है. देश के पहले सीडीएस विपिन रावत के हवाई दुर्घटना में मारे जाने के बाद यह पद पिछले छह महीने से खाली था. भारत सरकार ने अनिल चौहान को सीडीएस के साथ ही सरकार का […]
नई दिल्ली. देश को नया सीडीएस मिल गया है, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को नया सीडीएस नियुक्त किया गया है. देश के पहले सीडीएस विपिन रावत के हवाई दुर्घटना में मारे जाने के बाद यह पद पिछले छह महीने से खाली था. भारत सरकार ने अनिल चौहान को सीडीएस के साथ ही सरकार का सचिव भी नियुक्त किया है.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर में उग्रवाद में बहुत काफी कमी आई थी, जिसके परिणाम स्वरुप कई पूर्वोत्तर राज्यों में सेना की तैनाती में भी कमी आई. बीते साल मई में जनरल अनिल चौहान सेवानिवृत्त हुए थे.
बतौर डीजीएमओ जनरल चौहान ऑपरेशन सनराइज के मुख्य शिल्पी थे जिसके तहत भारतीय और म्यांमार सेना ने दोनों देशों की सीमाओं के पास उग्रवादियों के विरूद्ध व्यापक अभियान चलाया था, इस अभियान में भारत को सफलता भी मिली थी. जनरल चौहान सेना में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं, इसके साथ ही वह अंगोला में संयुक्त राष्ट्र शांतिवाहिनी मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं.
चौहान बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे, सर्जिकल स्ट्राइक में उनका बहुत बड़ा योगदान था. पूर्वी कमान ने जनरल चौहान के नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में अपना अभूतपूर्व साहस दिखाया था. इस नियुक्ति पर देश की नजर थी क्योंकि सीडीएस को ही तीनों सेनाओं को एकीकृत कमांड के तहत लाने की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे सेना की ताकत में इजाफा होने के साथ साथ तालमेल बढ़ता है जिससे तीनों सेनाओं को काम करने मे आसानी हो जाती है.
रक्षा मंत्रालय की ओर जारी किए गए बयान के मुताबिक, जनरल अनिल चौहान भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अपने लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में कई कमांड संभाल चुके हैं, और उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं.
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