नई दिल्ली, देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरु गई है, आज शाम तक ये साफ़ हो जाएगा कि कौन देश का 16वा राष्ट्रपति होगा. मतगणना का दौर जारी है, एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है. नतीजे शाम तक आ जाएंगे. वोटो की […]
नई दिल्ली, देश के 16वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरु गई है, आज शाम तक ये साफ़ हो जाएगा कि कौन देश का 16वा राष्ट्रपति होगा. मतगणना का दौर जारी है, एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है. नतीजे शाम तक आ जाएंगे. वोटो की गिनती कमरा नंबर 63 में हो रही है जहां सांसदों के वोट डालने की व्यवस्था की गई थी, इसी कमरे को स्ट्रॉन्ग रूम में बदल कर मतपेटियां रखी गई हैं. यहां पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ामात किए गए हैं. वोटों की गिनती में द्रौपदी मुर्मू को बढ़त मिलती नज़र आ रही है. जहाँ एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को अब तक 540 और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 208 मिले हैं. चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है, आइए आपको द्रौपदी मुर्मू के बारे में बताते हैं:
द्रौपदी मुर्मू के राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ओडिशा में पार्षद बनने के साथ की थी. साल 1958 में 20 जून को जन्मी द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल गठबंधन की सरकार के दौरान, 2000-2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त, 2002 से मई तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के पद पर रही थीं. इसके अलावा साल 2000 और 2004 में ओडिशा की पूर्व मंत्री और रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से द्रौपदी विधायक भी रही हैं. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी बनी थीं.
पहली महिला राज्यपाल नियुक्त होने से पहले मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता भी रही हैं. बहरहाल निर्वाचित होने के बाद अब द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. इसके अलावा द्रौपदी भारत के ओडिशा राज्य से देश की पहली राष्ट्रपति हैं. द्रौपदी मुर्मू के पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है. उनका कार्यकाल काफी उत्कृष्ट रहा.
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