चंडीगढ़: अब अमृतपाल के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है उसे पजाब पुलिस चारो ओर से घेर चुकी है. होशियारपुर के पंडोरी बीबी गांव में इस समय पंजाब के ADGP गुरविंदर सिंह ढिल्लो की अगुवाई में अधिकारियों और जवानों की टीम चप्पे-चप्पे में तैनात है. भटिंडा स्थित श्री दमदमा साहिब में भी अमृतपाल के […]
चंडीगढ़: अब अमृतपाल के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है उसे पजाब पुलिस चारो ओर से घेर चुकी है. होशियारपुर के पंडोरी बीबी गांव में इस समय पंजाब के ADGP गुरविंदर सिंह ढिल्लो की अगुवाई में अधिकारियों और जवानों की टीम चप्पे-चप्पे में तैनात है. भटिंडा स्थित श्री दमदमा साहिब में भी अमृतपाल के सरेंडर करने की आशंका जताई जा रही है. बता दें, श्री दमदमा साहिब परिसर में ही अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह मौजूद हैं.
जानकारी के अनुसार स्वर्ण मंदिर और अकाल तख्त के आसपास करीब 500 पुलिसकर्मी सादी वर्दी में तैनात किए गए हैं. आस पास के बाजारों और होटलों पर भी पुलिस नज़र जमाए हुए है. भारी संख्या में इस समय स्वर्ण मंदिर के नजदीक तैनाती की गई है. अब अमृतपाल हर ओर से घिर चुका है. मीडिया को भी बाहर ही रोक दिया गया है जहां पूरा गांव इस समय छांवनी में बदल गया है. हर जगह पुलिस ही दिखाई दे रही है दूसरी ओर स्थानीय लोगों के मन में भी डर ने घर कर लिया है. कभी भी कुछ भी होने की आशंका जताई जा रही है.
अब एक सवाल ये भी है कि आखिर अमृतपाल कहां सरेंडर करेगा. दरअसल अमृतपाल को ट्रेस कर रही पुलिस के हाथों से बड़ी चालाकी से निकलकर अमृतपाल हर बार फरार हो चुका है. कभी वह पगड़ी में दिखता है तो कभी पगड़ी के बिना. वह पल-पल अपना हुलिया भी बदलता है. ऐसे में माना ये भी जा रहा है कि वह स्वर्ण मंदिर में सरेंडर करके हीरो बनने चाहता है लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ. फिलहाल पुलिस चप्पे-चप्पे पर अपनी नज़र जमाए हुए हैं.
पंजाब पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों अलर्ट पर है। 18 मार्च से खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब डे के सदस्यों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया गया है। तब से अमृतपाल फरार चल रहा था। वह 18 मार्च को जालंधर से फरार हो गया था। अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ वैमनस्य को बढ़ावा देने, हत्या का प्रयास करने, पुलिस अधिकारियों पर हमला करने और सिविल सेवकों को उनके काम में बाधा डालने के आरोपों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
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