New Delhi : नई दिल्ली नए साल New Year की शुरुआत 31 दिसंबर रात 12 के बाद शुरू हो जाती है। लोग जश्न में डूब जाते है। देश ही नही दुनिया भर में नए साल का जश्न बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। ये एक ऐसा दिन है, जब पूरी दुनिया एक साथ एक […]
नए साल New Year की शुरुआत 31 दिसंबर रात 12 के बाद शुरू हो जाती है। लोग जश्न में डूब जाते है। देश ही नही दुनिया भर में नए साल का जश्न बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। ये एक ऐसा दिन है, जब पूरी दुनिया एक साथ एक ही काम जश्न में डूब जाती है। दुनिया भर में लोगों द्वारा आपसी शुभकामनाएं ( Well Wishes ) भेजने का सिलसिला डिजिटल युग में डिजिटल अंदाज में शुरू हो जाता है। WhatsApp, Facebook, tweeter, आदि पर शुभकामनाओं के sms आने शुरू हो जाते हैं । जिसमे आपसी भाई चारे और रिश्तों को मज़बूत करने के वादे किए जाते हैं।
नए साल को एक जनवरी से मनाने की शुरुआत को मानने की अलग अलग प्रथाएं है। माना जाता है, 153 ईसा पूर्व यह सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन कुछ समय बाद थम गया. कुछ समय बाद ईसाई देशों यूरोप, एंग्लो सेक्सॉन ब्रिटेन आदि देश मध्यकालीन काल के समय 25 दिसंबर को नए साल का स्वागत करने लगे.
लेकिन नए साल को मनाने के ओर मानने का अंदाज दुनिया भर में हर देश का अलग है। मिस्र, पर्सिया,सीरिया, जैसे खादी देशों में 24 सितंबर को नया साल मनाते है तो वही यूनानी सभ्यता के लोग 21 दिसंबर को मनाते है। यही नही रोमन साम्राज्य के लोगों द्वारा 1 मार्च हो ही नया साल मना लिया जाता है।
ऐसा माना जाता है, कि, 1552 ईसवी में जार्जियन पंचाग ( कैलेंडर) को रोमन कैथलिक चर्च ने अपनाया साथ ही 1 जनवरी का दिन नए साल के रूप में मनाने की घोषणा कर दी गई। बाद स्कॉटलैंड में 1660 ईस्वी में, तो 1700 ईस्वी में डेनमार्क और जर्मनी में मनाया जाने लगा। साल 1752 ईस्वी में इंग्लैंड ओर 1755 ईस्वी में रूस में मनाया जाने लगा और इस तारीख के अनुसार 1918 ईस्वी में ब्रिटिश राज़ में भारत में भी 1 जनवरी को नया साल के रूप मनाया जाने लगा।
31 दिसंबर की रात ढलते ही लोगों में कूहतूल सा मच जाता है। 12 बजे से ही लोगों के आपसी संदेश आने शुरू हो जाते हैं जिसमे एक दूसरे को उम्मीदें और प्यार से भरे शब्दों को पिरोया जाता है और नए साल की मुबारकबाद पेश की जाती है। जिसमे आने वाले साल के दिनो को अच्छा और बेहतर होने की बात कही जाती हैं।