राधाजी की शादी कृष्ण से हुई थी या रायाण से, क्यों लड़ रहे हैं दो बाबा

नई दिल्ली. राधारानी की शादी को लेकर श्रीजी के भक्त प्रेमानंद महाराज और कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा बुरी तरह भिड़ गये हैं। एक कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने राधारानी को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में ऐसा कुछ कह दिया जिसको लेकर प्रेमानंद महाराज भड़क गये और नरक में जाने का […]

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राधाजी की शादी कृष्ण से हुई थी या रायाण से, क्यों लड़ रहे हैं दो बाबा

Vidya Shanker Tiwari

  • June 13, 2024 10:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली. राधारानी की शादी को लेकर श्रीजी के भक्त प्रेमानंद महाराज और कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा बुरी तरह भिड़ गये हैं। एक कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने राधारानी को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में ऐसा कुछ कह दिया जिसको लेकर प्रेमानंद महाराज भड़क गये और नरक में जाने का श्राप तक दे दिया. प्रदीप मिश्रा अब ब्रजवासियों से माफी मांग रहे हैं लेकिन राधारानी को लेकर कही गई बात पर अडिग हैं.

राधारानी की शादी रायाण से हुई? 

भगवान कृष्ण और राधारानी को प्रेम का पर्याय माना जाता है लेकिन कृष्ण के वृंदावन से जाने के बाद दोनों के मिलन और विवाह को लेकर अलग अलग धारणाएं हैं. ब्रह्मा वैवर्तपुराण के अनुसार भगवान शंकर ने राधारानी के विवाह के बारे में कथा सुनाते हुए बताया कि राधारानी की शादी रायाण से हुई थी.

अतिते द्वादशाब्दे तु दृष्ट्वा तां नवयौवनां।
सार्धं रायाणवैश्येन तत्सबंधम् चकार स:।।
३९।।
छायां संस्थाप्य तद्रेहे सान्तर्द्धानमवाप ह ।
बभूव तस्य वैश्यस्य विवाहश्छायया सह।।
४0।।
ब्रह्मवैवर्तपुराण खण्ड 2 प्रकृतिखण्ड
अध्याय ४९ ३९-४०

मतलब यह कि बारह वर्ष बीतने पर राधारानी के यौवन में प्रवेश करते देख उनके माता-पिता ने रायाण वैश्य के साथ उनका विवाह तय कर दिया. राधाजी यह सुनकर अपनी जगह अपनी छाया को अपने घर में स्थापित करके स्वयं अंतर्ध्यान हो गईं। उस छाया संग रायाण का विवाह हुआ था । कहने का मतलब यह कि जिस राधा जी का विवाह रायाण के साथ हुआ था वह राधा जी की छाया थी।

राधा जी के पति रायाण कौन थे

भगवान कृष्ण की माता यशोदा के सहोदर भाई हैं रायाण जो गोलोक में कृष्ण के अंश और उनके मामा हैं. रायाण जी संसारी संबंध से कृष्ण के मामा लगते हैं.

राधाजी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ हुआ?

रायाण जी वास्तव में गोलोक में कृष्ण के अंश हैं. इस तरह राधाजी की छाया का विवाह भी कृष्ण की छाया संग हुआ। ब्रह्म वैवर्तपुराण के अनुसार

कृष्णेन सह राधाया: पुण्ये वृन्दावने वने।
विवाहं कारयामास विधिनां जगतां विधी:

अर्थात वृन्दावन नामक पवित्र वन में जगत के रचयिता ब्रह्मा जी ने श्रीकृष्ण के साथ श्री राधा का विधिपूर्वक विवाह संपन्न करवाया था।
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