नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियां कमर कस रही हैं. भारत के विपक्षी गुट में उथल-पुथल के बीच इसके नेताओं ने शुक्रवार को अपकमिंग चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को हराने की आवश्यकता पर जोर दिया है. साथ ही लक्ष्य हासिल करने के लिए डीएमके ने एकता का मंत्र भी दोहराया. कुछ भारतीय […]
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियां कमर कस रही हैं. भारत के विपक्षी गुट में उथल-पुथल के बीच इसके नेताओं ने शुक्रवार को अपकमिंग चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को हराने की आवश्यकता पर जोर दिया है. साथ ही लक्ष्य हासिल करने के लिए डीएमके ने एकता का मंत्र भी दोहराया. कुछ भारतीय ब्लॉक पार्टियों – कांग्रेस, द्रमुक, वाम दलों और विदुथलाई चिरुथिगल काची के शीर्ष नेताओं ने यहां वीसीके द्वारा आयोजित ‘लोकतंत्र जीतेगा’ सम्मेलन में भाग लिया और लोकसभा सांसद थोल थिरुमावलवन की अध्यक्षता वाली वीसीके तमिलनाडु में डीएमके की मुख्य सहयोगी है.
बता दें कि द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, सीपीआई (एम) और सीपीआई के नेता, क्रमशः सीताराम येचुरी और डी राजा, और कई अन्य लोगों ने बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बीच आयोजित सम्मेलन में बात की है. दरअसल उन्होंने कहा कि इस बात के ठोस संकेत मिल रहे हैं कि जेडीयू अध्यक्ष और राज्य के सीएम नीतीश कुमार एक और पलटवार कर सकते हैं, और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में लौट भी सकते हैं. (जदयू) लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक हैं. साथ ही इंडिया समूह के 2 अन्य घटक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (आप) ने एलान की थी कि वो आगामी लोकसभा चुनावों के लिए क्रमशः पश्चिम बंगाल और पंजाब में कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव स्थगित होने और आप और चंडीगढ़ कांग्रेस के बीच गठबंधन का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जीत की स्थिति के कारण मेयर चुनाव भी रद्द कर दिया. तब मीडिया ने स्थानीय चुनाव टलने को बीजेपी गठबंधन की पहली जीत बताया था, और भारत के ट्रेड यूनियन नेताओं को मेयर चुनाव भी रद्द करने की भाजपा की आशंका को समझना चाहिए. दरअसल तो भारतीय गठबंधन के नेताओं को भाजपा के डर का एहसास भी होना चाहिए, और हमें इसका उपयोग करना होगा. हमें अब जो मौका मिला है उसका लाभ उठाना होगा. दरअसल हम एकजुट रहेंगे तो भाजपा हार जायेगी, और लोकतंत्र की जीत होगी.